अमृतसर : कोरोना की तरह एक बार फिर से चीन से आए (HMPV) वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। उक्त वायरस कम इम्यूनिटी वाले छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अपने जकड़ में ले रहा है। अमृतसर और पंजाब में चाहे अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, लेकिन लोगों में इस वायरस को लेकर काफी दहशत है और लोग इस वायरस से बचाव के लिए डॉक्टरों के पास चक्कर लगा रहे है। फिलहाल उक्त वायरस के लिए भारत में कोई वैक्सीन तैयार नहीं है और न ही पंजाब सरकार ने लोगों को इस वायरस के प्रति जागरूक करने के लिए कोई गाइडलाइन जारी की हैं।
जानकारी के मुताबिक ह्यूमन मेटा यूमो वायरस (HMPV) सांस की बीमारी से संबंधित है। चीन में अपना आतंक फैलाने के बाद इस वायरस के कुछ मामले भारत में भी सामने आए हैं। यह वायरस कोविड-19 जैसा ही है, क्योंकि इसके लक्षण लगभग कोविड की तरह ही मिलते हैं। भारत में चाहे अभी तक इस वायरस से कोई खतरा नहीं है, लेकिन चीन में इस वायरस के मामले धड़ाधड़ सामने आने के बाद अमृतसर निवासियों में काफी दहशत पाई जा रही है। अमृतसर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अंतर्राष्ट्रीय बार्ड होने के कारण लोग इस वायरस को लेकर असमंजस में हैं। यू.एस. स्ट्रैंडर्ड फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रवेंशन के अनुसार इसे पहली बार वर्ष 2001 में ढूंढा था। भारत में बेंगलुरु और कुछ अन्य जगहों पर भी इसके मामले सामने आए हैं और छोटे बच्चे ही इस वायरस की चपेट में आए हैं।
इसके अलावा एक-दो राज्यों की ओर से इस वायरस को लेकर गाइड-लाइन जारी की गई है, लेकिन अफसोस की बात है कि अमृतसर के लोगों में इस वायरस को लेकर जो दहशत है, उसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया है। पंजाब में कोरोना वायरस का पहला मामला अमृतसर में ही दर्ज किया गया था, हालांकि पंजाब के नवांशहर के रहने वाले एक मरीज में कोरोना का मामला सामने आया था, लेकिन उसे अमृतसर में भर्ती करवाकर उसका टैस्ट किया गया था, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा व सरहदी क्षेत्र होने के कारण लोग ज्यादा दहशत में नजर आ रहे है।
गुरु नानक देव अस्पताल के बच्चा रोग विभाग व अन्य सरकारी अस्पतालों में इस वायरस को लेकर काफी डाक्टरों से पूछताछ कर रहे है और डाक्टर भी सरकार द्वारा कोई गाइडलाइन सामने न आने कारण कोरोना वायरस के बचाव संबंधी भी उन्हें जागरूक कर रहे है।
क्या है HMPV के लक्षण
इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के टी.बी. कंट्रोल प्रोग्राम अधिकारी एवं प्रसिद्ध स्तन रोग विशेषज्ञ डा. नरेश चावला ने कहा कि यह वायरस छोटे बच्चों और बुजुर्गों विशेषकर कम इम्यूनिटी वाले लोगों को अपनी जकड़ में लेता है। इस वायरस में खांसी, बुखार, नाक बंद होना, सांस लेने में दिक्कत, थकान महसूस होना, गले में खराश, शरीर पर लाल निशान आदि शामिल हैं। इस वायरस की खास बात यह है कि यह सांस प्रणाली के जरिए 2 लोगों के बीच तेजी से फैलता है। इसमें लोगों से संपर्क जैसे हाथ मिलाना या वायरस से दूषित किसी चीज को छूना भी शामिल है।
डाक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए एंटीबायोटिक दवा
इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि यह वायरस कुछ दिनों में खत्म हो जाता है लेकिन लोगों को इस वायरस से घबराना नहीं चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी एंटीबायोटिक दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। लोगों को अपनी इम्यूनिटी बनाए रखनी चाहिए। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और बीमार व्यक्ति को मास्क पहनना चाहिए। हाथों को बार-बार साफ करना चाहिए। इसके अलावा घर का खाना खाना चाहिए और बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए।
गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज रहे सावधान
अधिकारी टी.बी. अस्पताल के पूर्व प्रमुख डॉ. नवीन पांधी ने कहा कि मधुमेह, फेफड़ों की बीमारी और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उक्त वायरस से सावधान रहना चाहिए। यह वायरस कम इम्यूनिटी वाले लोगों में अपनी जगह बना लेता है। हालांकि पंजाब और अमृतसर के अलावा भारत में इस संबंध में कोई दहशत की स्थिति नहीं है, लेकिन लोगों को जागरूक रहना चाहिए और समय-समय पर भारत सरकार द्वारा बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। लोगों को किसी भी तरह का संदेह होने पर डाक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए और अपनी इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए जरूरी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।