महाराष्ट्र के नागपुर में उमरेड-पावनी-करहंडला अभयारण्य में पर्यटकों ने एक बाघिन और उसके 5 शावकों का रास्ता रोक दिया था. बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 4 जिप्सी चालकों व 4 गाइड को 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया है. इसके अलावा वन विभाग के ड्राइवरों पर 25,000 रुपये और गाइडों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया.

हाईकोर्ट ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर करने का आदेश दिया और राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को दो दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक पर्यटक वाहनों 31 दिसंबर को ‘F2’ नाम की बाघिन और उसके पांच शावकों को काफी देर तक घेरे रखा और उसकी फोटो ले रहे थे.

इंटरनल जांच करने में जुटा है विभाग

घटना उमरेड-पवानी-करहंडला अभयारण्य के कुछ वन क्षेत्र में गोथनगांव सफारी रूट पर हुई. अखबारों में छपी खबर के आधार पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के प्रशासनिक जज नितिन सांबरे ने खुद जनहित याचिका दायर करने का आदेश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को इस संबंध में बुधवार तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले में नागपुर फारेस्ट विभाग भी एक इंटरनल जांच करने में जुटा है.

बाघिन कर सकती थी हमला

वहीं बड़ी बात ये की अगर अपने शावकों को बचाने के चक्कर में बाघिन पर्यटकों पर हमला कर देती तो कई लोगो की जान खतरे में पड़ सकती थी. हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं, लेकिन अभी भी ये मामला बड़ा है. वन विभाग के नियम का उल्लंघन करता है तो उसके ऊपर सख्त कार्रवाई का प्रोविजन भी किया गया है. बाघ से कोई भी वाहन 30 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. इसके अलावा बाघ के आगे और पीछे दोनों ओर से गाड़ियां खड़ी करना गलत है.