जलालाबाद:  जिला मजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू ने बी.एन.एस.एस. की धारा 163 के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए पूरे जिले में विभिन्न प्रतिबंधों के आदेश जारी किए हैं। ये प्रतिबंध 28 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगे और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एक अन्य आदेश में, जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के अंदर 50 माइक्त्रोन से कम मोटाई, 8313 आकार से छोटे और निर्दिष्ट रंग के बिना बने प्लास्टिक के थैलों के निर्माण/उपयोग पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा, इन थैलों को नालियों/सीवरेज या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इनका उपयोग सफाई में बाधा उत्पन्न करता है और सीवरेज में फंसने के कारण सीवरेज जाम हो जाता है, जिससे गंदा पानी सड़कों और गलियों में आ जाता है। इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। एक अन्य आदेश के माध्यम से, जिला मजिस्ट्रेट ने फाजिल्का जिले के बॉर्डर से सटे गांवों और बी.ओ.पी. (बॉर्डर आउटपोस्ट) के पास शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक आम जनता के आने-जाने पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए हैं।

सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से यह पाबंदी लगाई गई है। ये आदेश सेना, बी.एस.एफ., पुलिस, ठेकेदार और वे मजदूर जो मिलिट्री एरिया में काम करते हैं या सक्षम अधिकारी द्वारा जारी परमिट रखने वालों पर लागू नहीं होंगे। एक अन्य आदेश में, जिला मजिस्ट्रेट ने फाजिल्का जिले की सीमा के अंदर कोबरा/कंटीली तार को बेचने, खरीदने और उपयोग करने पर भी पाबंदी लगा दी है। लोगों द्वारा अपने प्लॉट, खेत आदि को पशुओं से सुरक्षित रखने के लिए कंटीली तार और कोबरा तार का उपयोग किया जा रहा है, जो बेहद तेजधार होती है। इससे प्राकृतिक जीवों और इंसानों को जान का खतरा होता है।