पंजाब के खन्नौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की शनिवार को महापंचायत हुई. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 10 जनवरी को पूरे भारत में केंद्र सरकार का पुतला फूंकने का फैसला किया है. महापंचायत को आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने संबोधित भी किया. डल्लेवाल ने कहा कि आज आब सब दूर-दूर से चलकर आए हैं. मैं आप सभी से मिलना चाहता था.
डल्लेवाल ने कहा कि ये लड़ाई मेरी नहीं है. ये सब ऊपर वाले की मर्जी से हो रहा है. ये शरीर ऊपर वाले ने दिया है. जैसा भगवान करवाना चाहते हैं वैसे ही अब हो रहा है. मुझे पुलिस उठाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन रात को हरियाणा-पंजाब से सैकड़ों नौजवान खन्नौरी बॉर्डर पर पहुंच गए. मुझे विश्वास है कि हम लड़ाई जीतेंगे.
डल्लेवाल बोले- हम शांत नहीं बैठ सकते
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि ये कठिन काम है, लेकिन किसी काम को कठिन देखकर हम आराम से नहीं बैठ सकते हैं. हमारे किसान परिवारों के 4 लाख किसानों ने सुसाइड किया है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट है, लेकिन असलियत में 7 लाख किसान सुसाइड कर चुके हैं. हम किसान नेता हैं, हम लोगों ने ऐसा कुछ नहीं किया सुसाइड रुक सकें.
किसान नेता ने सुप्रीम कोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि डल्लेवाल की लाइफ काफी महत्वपूर्ण, लेकिन जिन 7 लाख किसानों ने सुसाइड किया है वो भी हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण थे.उन 7 लाख किसानों के बच्चे के लिए हमें शहादत दे देनी चाहिए. जब हम दिल्ली से आंदोलन खत्म करके वापस आए थे तो दूसरे राज्यों के लोगों ने हमें उलाहना दिया कि पंजाब के संगठन वापस जा रहे हैं.
आंदोलन तेज करने की अपील
डल्लेवाल ने आगे कहा कि अब मैं दूसरे राज्यों के किसानों से कहता हूं कि अपने राज्यों में आंदोलन तेज कर दीजिए. एमएसपी सबको चाहिए. आप सब अपने-अपने गांवों से एक-एक ट्राली खन्नौरी बॉर्डर पर जरूर भेजें ताकि पुलिस आंदोलन को खत्म ना कर सके. हालांकि, महापंचायत को संबोधित करते हुए बीच में डल्लेवाल की तबीयत भी बिगड़ गई जिसके बाद भाषण को जल्दी खत्म करा दिया गया.