छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में तीन दिन से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव मिल गया है. पुलिस ने एक ठेकेदार के फार्म हाउस में बने सेप्टिक टैंक से बरामद किया है. आरोप है कि इस ठेकेदार के खिलाफ पत्रकार मुकेश ने खबर प्रकाशित की थी. इसकी वजह से ठेकेदार को करीब 120 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी नुकसान से तिलमिलाए ठेकेदार ने इस वारदात को अंजाम दिया है. हालांकि अभी तक पुलिस इस मामले में आधिकारिक बयान देने से बच रही है.

पुलिस ने शुक्रवार को ही प्रेसनोट जारी कर बताया था कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की रात संदिग्ध परिस्थिति में घर से लापता हुए थे. इस संबंध में उनके भाई युकेश चंद्राकर ने पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पुलिस ने अपने प्रेसनोट में दावा किया है कि सूचना मिलने के तत्काल बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक युगलैंडन यार्क के नेतृत्व में टीम बनाकर उनकी तलाश शुरू कर दी गई. इसी क्रम में पुलिस ने मुकेश चंद्राकर के फोन की लोकेशन ट्रैस करते हुए ठेकेदार के फार्महाउस पहुंची है. पुलिस टीम के साथ डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम भी है.

मुकेश की रिपोर्ट से ठेकेदार को हुआ था नुकसान

बताया जा रहा है कि पुलिस ने जमीन खोदकर पत्रकार मुकेश का शव बरामद कर लिया है. पुलिस इस संबंध में अभी किसी भी तरह का आधिकारिक बयान देने से बच रही है. हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामले का लगभग खुलासा हो गया है. कहा जा रहा है कि पत्रकार मुकेश एक सड़क की रिपोर्ट लगातार प्रकाशित कर रहे थे. इसकी वजह से ठेकेदार को 120 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था. इसकी वजह से तिलमिलाया ठेकेदार मुकेश को ठिकाने लगाने की साजिश रचने लगा और मौका मिलते ही इस वारदात को अंजाम दिया है.

बीजापुर बंद और चक्का जाम का आह्वान

इधर, घटना को लेकर बस्तर के पत्रकारों में गुस्सा चरम पर है. स्थानीय पत्रकारों ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही को भी जिम्मेदार बताया है. इसी के साथ समूचे देश के पत्रकारों और खासतौर पर नेशनल मीडिया में भी इस घटना के बाद दहशत की स्थिति बन गई है. कहा जा रहा है कि अब तक बस्तर में नक्सली ही खौफ पैदा करते थे, लेकिन अब ठेकेदार और व्यापारी उनसे भी ज्यादा खौफनाक हो गए हैं. नेशनल मीडिया ने मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने के लिए पुलिस पर दबाव बढ़ा दिया है. इसी क्रम में शनिवार को बीजापुर में बंद व अस्पताल चौक पर दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम का आह्वान किया गया है.

सात सूत्रीय मांग

घटना के पत्रकारों और स्थानीय लोगों ने सात सूत्रीय मांग रखी है. इसमें पहली मांग यह है कि बीजापुर सहित बस्तर संभाग में सुरेश चंद्राकर की संपत्तियां जब्त हों. इसी के साथ आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें फांसी दी जाए. आक्रोशित लोगों ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की सुरक्षा हटाने की मांग करते हुए उन्हें मिले सभी टेंडर रद्द करने और बैंक खाते व पासपोर्ट सीज करने को कहा है. पांचवी मांग अवैध रूप से बने फार्म हाउस को गिराने और गंगालूर रोड स्थित प्लांट सील करने की मांग की गई है. इसी क्रम में एसपी बीजापुर को सस्पेंड करने, पत्रकार मुकेश को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की है. वहीं मांगे माने नहीं जाने पर अनिश्चिकालीन चक्का चाम की चेतावनी दी गई है.