कश्मीर घाटी में सर्दी अपने पूरे शबाब पर है. लगातार पर हो रही बर्फबारी से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में शनिवार को 40 दिनों की सबसे भीषण सर्दी की अवधि चिल्लई कलां शुरू हो गई. बताया जा रहा है कि श्रीनगर में पांच दशक में दिसंबर की सबसे ठंडी रात रही, यहां तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. वहीं घाटी के अन्य भागों में भी न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे पहुंच गया.

मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीनगर में बीते शुक्रवार को रात में तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे था. इस महीने में श्रीनगर का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 13 दिसंबर 1934 को शून्य से 12.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था.

डल झील के कुछ हिस्से में जमी बर्फ

सर्दी का आलम ये है कि श्रीनगर की मशहूर डल झील के कुछ हिस्सों सहित कई जलाशय जम गए. डल झील में जमी बर्फ को चप्पू से तोड़कर नाव चलाई जा रही है. इसके साथ ही शहर के कई इलाकों और घाटी में अन्य स्थानों पर जलापूर्ति लाइनें भी जम गईं है. पाइप लाइन में पानी जम गया है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अन्य शहरों का तापमान

वहीं दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि स्कीइंग के लिए मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. पंपोर शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोनीबाल नाम का छोटा सा गांव घाटी का सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 10.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इसके अलावा काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा. वहीं कुपवाड़ा में शून्य से 7.2 डिग्री सेल्सियस नीचे द रहा, तो वहीं कोकेरनाग में तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. यह 1998 के बाद से कुपवाड़ा का दिसंबर का सबसे कम तापमान था, और इस महीने का नौवां सबसे कम तापमान था.

ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना

मौसम विभाग ने 26 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया है, और 21-22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक अलग-अलग जगहों पर शीत लहर जारी रहेगी. ‘चिल्लई-कलां’ के 40 दिनों के दौरान बर्फबारी की संभावना ज्यादा होती है और तापमान काफी गिर जाता है. ‘चिल्लई कलां’ अगले साल 31 जनवरी को समाप्त हो जाएगा, लेकिन घाटी में शीत लहर जारी रहेगी क्योंकि इसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी सर्दी) और 10 दिन का ‘चिल्लई-बच्चा’कादौरआएगा. यानी घाटी में सर्दी का सितम जारी रहेगा.