प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियां सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी चल रही हैं. इस बार महाकुंभ के सांस्कृतिक मंच पर रूस के कलाकार राम और सीता के किरदारों के साथ तुलसी की रामायण को प्रस्तुत करेंगे. रूस के रामलीला कलाकार भी महाकुंभ के लिए विशेष तैयारी कर रहे हैं.

यूक्रेन के साथ युद्ध में व्यस्त रूस की राजधानी मास्को में इन दिनों एक और युद्धाभ्यास चल रहा है. यह युद्ध महाकुंभ में संगम तट पर राम-रावण के बीच लड़ा जाएगा. मास्को स्थित पद्मश्री गेनादी पेचनीकोव स्मारक में रूसी रामलीला का रिहर्सल हो रहा है. दिशा रामलीला मंडली रूस के संयोजक रामेश्वर सिंह हैं, जो खुद तीन से चार घंटे तक रोजाना रिहर्सल कराते हैं.

रूसी रामलीला बनेगी आकर्षण का केंद्र

रामेश्वर सिंह ने बताया कि इस बार महाकुंभ में राम-सीता, लक्ष्मण और रावण के किरदारों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनेगी. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की ओर से महाकुंभ में रामलीला की प्रस्तुति के लिए बातचीत चल रही है, हालांकि तिथि अभी तय नहीं हुई है. फिलहाल, कलाकारों ने मास्को में पूर्वाभ्यास शुरू कर दिया है. इस रामलीला में रूसी कलाकार राम की वन गमन यात्रा से लेकर रावण वध तक के विभिन्न प्रसंगों को भारतीय जनमानस में जीवंत रूप से प्रस्तुत करेंगे.

स्वयंवर से राज्याभिषेक तक की झलक

रूसी रामलीला में महाकुंभ में प्रभु श्रीराम का जन्म नहीं दिखाया जाएगा. लीला की शुरुआत सीता स्वयंवर से होगी, जिसमें राजा जनक के प्रण, चिंता और धनुष न टूट पाने के दृश्य प्रदर्शित किए जाएंगे. इसके बाद राम का अयोध्या में प्रवेश, रानी कैकेयी का कोप भवन में जाना, राम वन गमन, सीता हरण, राम-हनुमान भेंट, पंचवटी में सीता, हनुमान का लंका में प्रवेश, और अंत में राम-रावण युद्ध तथा राम का राज्याभिषेक दिखाया जाएगा.

एफगेनी प्रभु श्रीराम और वोल्गा माता सीता के किरदार में नजर आएंगे. लीला के भावों को साकार करने के लिए रूसी कलाकार अत्यधिक मेहनत कर रहे हैं. इसमें राजा जनक की भूमिका में आरगेनी, सुमित्रा के किरदार में एंजलीना, हनुमान के रूप में विक्टर, लक्ष्मण के रूप में एलेग्जे, कैकेयी के रूप में एलेंजेंद्रा और रावण के रूप में लाडोलेट नजर आएंगे.