कर्नाटक में भटकल के होम्योपैथिक डॉक्टर सैयद इस्माइल अफाक को 9 साल पहले अरेस्ट किया गया था. उस पर इंडियन मुजाहिद्दीन को विस्फोटक सप्लाई करने का आरोप है. गिरफ्तारी के 9 साल बाद कोर्ट ने उसे आतंकी समूह का हिस्सा होने का दोषी ठहराया है. बेंगलुरु में आतंकवाद मामलों की विशेष अदालत ने सोमवार को डॉक्टर को आतंकवादी समूह का हिस्सा होने के आरोप में दोषी ठहराया.

सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद डॉक्टर सैयद इस्माइल अफाक (43 साल) को इंडियन मुजाहिदीन को अमोनियम नाइट्रेट की आपूर्ति करने के आरोप में 8 जनवरी 2015 को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस आतंकी संगठन ने साल 2006 से 2013 के बीच भारत में कई जगह विस्फोट किए थे. इनमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नेता रह चुका है अफाक

अफाक भटकल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नेता भी रह चुका है. विशेष अदालत ने सोमवार को उसे आतंकी समूह का हिस्सा माना. अफाक के अलावा उसके दो सहयोगियों अब्दुल सुबूर और सद्दाम हुसैन को गैरकानूनी गतिविधियों और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है. ये दोनों भटकल के रहने वाले हैं.

रियाज अहमद सईदी सभी आरोपों से बरी

हालांकि, इन तीनों को यूएपीए की धारा-16 के तहत आतंकवादी कृत्य करने के आरोपों से बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने माना कि ये तीनों किसी भी विस्फोट में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे. एक अन्य आरोपी रियाज अहमद सईदी पर इंडियन मुजाहिद्दीन और विस्फोटक आपूर्ति समूह के बीच मध्यस्थ होने का आरोप था. उसको सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है.

18 दिसंबर को सजा सुनाएगी कोर्ट

अदालत ने आरोपियों की सजा पर सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तारीख तय की है. बता दें कि होम्योपैथिक डॉक्टर और उसके साथियों को 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए विस्फोट के बाद गिरफ्तार किया गया था. इस विस्फोट में 17 लोग मारे गए थे. नेपाल सीमा पर विस्फोटों के मुख्य आरोपी यासीन भटकल की गिरफ्तारी हुई थी.