एक महिला वकील आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष थीं. उन्होंने देश के मुख्य न्यायधीश (CJI) संजीव खन्ना से उनके साथ हुई कथित बदसलूकी के हवाले से न्याय की गुहार लगाई थी. दिलचस्प बात ये थी कि महिला वकील सीजेआई के सामने कैजुअल कपड़ों में पेश हुईं थीं. इसके पीछे की वजह ही उनके अदालत पहुंचने का कारण भी है.

महिला वकील का नाम रेनू था और वे मूलतः मुंबई से थीं. दिल्ली के गीता कॉलोनी में उनका एक क्लाइंट था, जिसके केस के सिलसिले में वो यहां आईं थीं. महिला वकील का कहना है कि, दिल्ली पुलिस उनके क्लाइंट को अपने साथ ले चुकी है और जब वे खुद थाने पहुंची तो कथित तौर पर उसके साथ बदसलूकी हुई.

महिला वकील के क्या हैं आरोप?

उनका कहना था कि पुलिस की ओर से फोन तोड़ दिए जाने और लैपटॉप, फॉर्मल कपड़े कब्जे में लेने के बाद से वे परेशान हैं. वो कार में सो रही हैं, पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही. साथ ही, वे डीसीपी के पास भी गई, लेकिन कोई नहीं मिल रहा. सुप्रीम कोर्ट से उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस मामले को देखने का निर्देश देने को कहा.

सबसे दिलचस्प बात तो ये थी कि आज वे बिना याचिका दायर किए सीधे भरी कोर्ट में सीजेआई से शिकायत करने पहुंच गई और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया. इस पर सीजेआई ने महिला वकील क सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के पास जाने की सलाह दी और जरूरी कार्रवाई की बात भी कुबूल की.

सीजेआई ने वकील से क्या कहा?

सीजेआई ने कहा कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट आकर हाईकोर्ट से मिलने वाली राहत को नजरअंदाज कर रही हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करिए, आपकी पूरी बात सुनी जाएगी. इस पर महिला वकील ने कहा कि उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की है, अगर तत्काल सुनवाई का निर्देश दिया जाए तो अच्छा होगा.

इस पर CJI ने कहा याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के पास रखें, एक्टिंग चीफ जस्टिस याचिका को लिस्ट करेंगे.