शेयर बाजार में अमेरिका का खौफ साफ देखने को मिल रहा है. इसका कारण भी है. पहला कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण रुपए में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जिसका असर शेयर बाजार में साफ देखने को मिल रहा है. वहीं दूसरा प्रमुख कारण फेड रिजर्व की मीटिंग के फैसले आने से पहले का डर, जोकि शेयर बाजार में साफ देखने को मिल रहा है. कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स में 1000 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब चुके हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में ज्यादा गिरावट देखी जा रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तर​ह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं. साथ ही वो कौन से कौन से प्रमुख कारण है जिसकी वजह शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. ​

शेयर बाजार हुआ धड़ाम

शेयर बाजार मंगलवार को धड़ाम होता हुआ दिखाई दिया. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक दोपहर 12 बजकर 17 मिनट में 952.84 अंकों की गिरावट के साथ 80,801.30 अंकों पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 80,732.93 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी पहुंचा. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 288.75 अंकों की गिरावट के साथ 24,379.50 अंकों पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ 24,366.40 अंकों पर आ गई थी.

बड़े शेयरों में गिरावट

शेयर बाजार में बड़े शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है. बीएसई पर देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.61 फीसदी तक टूटकर कारोबार कर रहा है. जबकि भारती एयरटेल के शेयर में करीब 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस कमें 1.64 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. वहीं एचडीएफसी बैंक का शेयर 1.41 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. अडानी पोर्ट, आईटीसी, टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनीलीवर के शेयर में मामूली तेजी देखने को मिल रही है.

निवेशकों को मोटा नुकसान

वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार में इस गिरावट की वजह से निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ है. एक दिन पहले सेंसेक्स का मार्केट कैप 4,60,06,557.30 करोड़ रुपए था. जो मंगलवार को सेंसेक्स के 1000 से ज्यादा अंकों के नीचे जाने के बाद 4,56,89,322.41 करोड़ रुपए पर आ गया. जिसकी वजह से बीएसई के मार्केट कैप को 3,17,234.89 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. जानकारों की मानें तो शेयर बाजार में निवेशकों के नुकसान में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

  1. फेड बैठक से पहले घबराहट : फेडरल रिजर्व की कल होने वाली पॉलिसी बैठक से पहले निवेशक सतर्क हो गए, जिससे सेंट्रल बैंक की ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिलने की उम्मीद है. जबकि सीएमई फेडवॉच टूल बुधवार को 25 आधार-बिंदु दर में कटौती की 97 फीसदी संभावना दिखा रहा है. हाल के अमेरिकी आंकड़ों के कारण लगातार महंगाई और एक लचीली अर्थव्यवस्था का संकेत देने के कारण फेड के 2025 दर पथ पर अनिश्चितता बनी हुई है.
  2. चीन की इकोनॉमी में कमजोरी : सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चला कि नवंबर में चीन की खपत उम्मीद से अधिक धीमी हो गई. खुदरा बिक्री में केवल 3 फीसदी की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर की 4.8% की वृद्धि से काफी कम है, जबकि औद्योगिक उत्पादन में अक्टूबर के अनुरूप साल-दर-साल 5.4 फीसदी की वृद्धि हुई. यह मंदी वैश्विक कमोडिटी मांग को प्रभावित कर सकती है, जिससे भारत में धातु, ऊर्जा और ऑटो क्षेत्रों के लिए जोखिम पैदा हो सकता है, जो चीन के आर्थिक रुझानों के प्रति संवेदनशील हैं. आज के कारोबार में निफ्टी मेटल और ऑटो सेक्टर में 0.6% से ज्यादा की गिरावट आई.
  3. डॉलर में मजबूती : डॉलर इंडेक्स 106.77 पर स्टेबल देखने को मिल रहा है, लेकिन इस साल इसमें 5 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. एक मजबूत डॉलर की वजह से विदेशी निवेशकों को भारत के शेयर बाजार में निवेश करने से रोकता है. साथ ही भारतीय कंपनियों के लिए डॉलर-वैल्यू वाले लोन की कॉस्ट में भी इजाफा करता है.
  4. बढ़ता व्यापार घाटा : नवंबर में भारत का व्यापार घाटा अक्टूबर के 27.1 बिलियन डॉलर से बढ़कर 37.84 बिलियन डॉलर के लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया है. जिसका प्रमुख कारण इंपोर्ट बिल में इजाफा और एक्सपोर्ट में कमी है. नवंबर में भारत का व्यापार घाटा 37.8 अरब डॉलर तक बढ़ने से रुपये पर दबाव पड़ेगा, जिससे यह डॉलर के मुकाबले 85 डॉलर तक पहुंच जाएगा. आईटी और फार्मा जैसे निर्यातकों को रुपये में गिरावट से फायदा होगा, लेकिन आयातकों के लिए, बढ़ी हुई आयात लागत उनके स्टॉक की कीमतों पर असर डालेगी.
  5. ग्लोबल मार्केट का असर : ग्लोबल मार्केट में गिरावट का असर भी शेयर बाजार में साफ देखने को मिल रहा है. उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व दर में कटौती करेगा MSCI का जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों का सबसे बड़ा सूचकांक 0.3% गिर गया. जापान का निक्केई 0.15% गिरा. यूरोस्टॉक्स 50 वायदा 0.16 फीसदी नीचे देखने को मिले, वहीं जर्मन DAX वायदा 0.06% नीचे थे, और FTSE वायदा 0.24% कमजोर थे.