उज्जैन: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि जिन ग्राम पंचायत में कोई विवाद नहीं होगा, जिन ग्राम पंचायत में कोई झगड़ा नहीं होगा, एक ग्राम पंचायतों को पांच – पांच लाख रुपए दिए जाएंगे। इन ग्राम पंचायतों को वृंदावन ग्राम योजना से भी लाभान्वित किया जाएगा। डॉ. यादव गुरुवार को उज्जैन के एनआईसी कक्ष से वीसी द्वारा उज्जैन दक्षिण विधानसभा की ग्राम पंचायतों के सरपंचों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने वीसी में कहा कि मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान आगामी 26 जनवरी 2025 तक चलेगा। इसमें शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीण जनों को अवगत कराया जाएगा तथा हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा।

वीसी में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिले की 589 ग्राम पंचायतों में निरंतर कैंप लगाए जा रहे हैं। दक्षिण विधान सभा की सभी पंचायतों में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा है। डॉ. यादव के द्वारा लैकोड़ा ग्राम पंचायत, तालोद ग्राम पंचायत के सरपंच से चर्चा की गई। बताया गया कि तालोद में फतेहाबाद तक की सड़क का निर्माण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने वीसी में कहा कि सरपंच, ग्राम पंचायतों में निरंतर भ्रमण करें। हितग्राहियों से चर्चा करें और उनकी समस्याओं को सुनकर, समय सीमा में उनका समाधान करें। वीसी में जानकारी दी गई कि ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री ने ग्राम टंकारियापंथ के सरपंच और पटवारी से चर्चा की। ग्राम पंचायत उमरिया खालसा में जैन मुनियों के लिए अतिथि कक्ष भी बनवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में अतिथि कक्ष बनवाया जाए। वर्तमान में जो वेब सीरीज बनाई जा रही है उनमें उज्जैन की ग्राम पंचायतों में भी शूटिंग के लिए की जाए। ग्राम पंचायत करोहन के सरपंच से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकोशी यात्रा मार्ग में आने वाली सभी ग्राम पंचायतों को पंचकोशी राशि दिलवाई जाए।

मुख्यमंत्री ने वीसी में कहा कि सभी पटवारियों को याद रहना चाहिए कि उनके पटवारी हल्के की ग्राम पंचायतों में बंजर भूमि, रकबे की जमीन, आबादी की जमीन कितनी है? उन्होंने निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत में स्थित शासकीय जमीन का रिकॉर्ड निकाला जाए तथा वहां भविष्य को ध्यान में रखते हुए क्या विकास के कार्य किया जा सकते हैं इस पर परियोजनाएं बनाई जाएं। सभी ग्राम पंचायतों में बेरोजगार पुरुष और महिलाओं की सूची बनाई जाए। कितने लोग पढ़े लिखे हैं, कितने अनपढ़ हैं, वहां पर थानों की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी अप-टू-डेट रखी जाए।