देश में रोजाना कहीं न कहीं सड़क हादसे होते ही रहते हैं और इन हादसों में बड़ी संख्या में लोग मारे भी जाते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी लगातार सड़क हादसों को रोकने की बात करते रहे हैं. गडकरी ने आज गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सड़क हादसों को लेकर हमारे देश का रिकॉर्ड इतना गंदा है कि अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के दौरान उन्हें अपना चेहरा छिपाना पड़ता है.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से सड़क हादसों में कमी लाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए गए, लेकिन हादसों में कोई कमी नहीं आई, बल्कि इसमें इजाफा ही हो गया. उन्होंने यह भी कहा, “जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, हम लोगों का मानवीय व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लग सकेगा.”

कम होने की जगह बढ़ रहे हादसेः गडकरी

नितिन गडकरी के अनुसार, देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर साल 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है. इनमें से 60 फीसदी पीड़ित लोगों की उम्र 18 से 34 साल के बीच की होती है. उन्होंने सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या पर कहा, “इतने लोग न किसी जंग में मरते हैं, न ही कोविड जैसी महामारी में मरते हैं और न ही दंगे में मरते हैं.”

सड़क हादसों से जुड़े खराब रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए सड़क मंत्री गडकरी ने कहा, “मैं जब भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में जाता हूं और वहां पर सड़क हादसों पर चर्चा होती है, तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं. इस मामले में हमारा रिकॉर्ड सबसे गंदा है.” उन्होंने सांसदों से कहा कि उन्हें भी सड़क हादसों को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए. परिवहन विभाग के सहयोग से सभी स्कूलों-संस्थाओं आदि में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करें.

ड्राइविंग लाइसेंस पर हो सख्ती

गडकरी के मुताबिक, नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि सड़क हादसों के शिकार 30 फीसदी लोगों की मौत सही समय पर जीवन रक्षक उपचार नहीं मिल पाने की वजह से हो जाती है. उन्होंने कहा, “इसलिए सरकार उपचार के लिए कैशलैस योजना लेकर आई है. उत्तर प्रदेश में इस पायलट परियोजना की शुरुआत हो रही है, फिर इसे देशभर में लागू कर दिया जाएगा.”

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सख्ती लाने की जरुरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, “दुनिया में अगर कहीं पर आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है तो उस देश का नाम भारत है. लेकिन हम इसमें सुधार कर रहे हैं.”