पिछले दो दिन से देश में एक ही केस सभी की जुबां पर है. ये है AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash Suicide) का सुसाइड केस. आरोपों के घेरे में और कोई नहीं बल्कि अतुल की बीवी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania) और उसके मायके वाले हैं. बेंगलुरु पुलिस सभी चार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. इस बीच कई ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं, जो कि काफी चौंकाने वाली हैं.

इस बार जो खबर सामने आई है वो है मेंटेनेंस को लेकर. अतुल ने कोर्ट में कहा था कि निकिता अच्छा खासा कमाती है. मैं उसे हर महीना 40 हजार रुपये भी देता हूं. तो फिर अब वो 80 हजार की डिमांड क्यों कर रही है? इस पर निकिता ने क्या कहा था चलिए जानते हैं.

कानूनी दस्तावेजों के मुताबिक, कोर्ट ने अतुल को हर महीने बच्चे के खर्च के लिए 40 हजार रुपये बतौर मेंटेनेंस देने को कहा था. लेकिन बाद में एरियर मिलाकर हर महीने 80 हजार रुपये देने को कहा गया. अतुल ने इसका विरोध किया. तब निकिता ने वकील के माध्यम से कहा था- मेरी तो इतनी भी इनकम नहीं है कि मैं 4 लोगों को खाना खिला सकूं. इसके साथ ही उसने और भी कई बातें पिटीशन में लिखीं.

निकिता ने लिखा- मैंने अपना पूरा मामला अपने वकील को बताया था. उन्होंने कहा था कि वो सब संभाल लेंगे. मैं तो बस पेपर पर साइन कर देती थी. तलाक वाले पेपर की मुझे कोई जानकारी नहीं थी. इस बात पर अतुल ने कहा था- वो बीटेक और MBA पढ़ी है. क्या साइन करते वक्त उसने पेपर नहीं पढ़े? बिना पढ़े ही सब जगह साइन कर दिया?

अतुल ने दे दी अपनी जान

अतुल-निकिता मामले में फिलहाल बेंगलुरु पुलिस ने FIR दर्ज की है. सोमवार को अतुल ने सुसाइड कर लिया था. उसने मरने से पहले एक वीडियो बनाया, जिसमें महिला जज समेत पत्नी और उसके घर वालों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. कहा कि मेरे ऊपर बेवजह के आरोप लगाए जा रहे हैं. 9 फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट भी छोड़ा. फिलहाल इस केस में पुलिसिया जांच जारी है.

पिता ने सास पर लगाया आरोप

उधर, बेटे की मौत के बाद से अतुल के माता-पिता सदमे में हैं. पिता ने कहा कि अतुल की सास ही दोनों के बीच लड़ाई का कारण थी. उसी के कारण विवाद शुरू हुआ. वो लोग अतुल से पैसों की डिमांड करते रहते थे. बेटे ने उन्हें 16 लाख रुपये दिए भी. लेकिन 50 लाख रुपये वो दोबारा मांग रहे थे. उनकी डिमांड खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी.