पर्थ टेस्ट में शानदार जीत के बाद भारतीय टीम को एडिलेड में करारी हार का सामना करना पड़ा. पिंक बॉल टेस्ट में मिली इस बार की सबसे बड़ी वजह टीम के बल्लेबाज रहे. भारतीय टीम का एक भी बल्लेबाज इस मैच में फिफ्टी तक नहीं जड़ सका. वहीं पूरी टीम दोनों पारियों में 200 रन अंदर ढेर हो गई. कप्तान रोहित शर्मा ने भी माना बल्लेबाजी कमजोर पक्ष साबित हुई. इस बीच एक बड़ी कमजोरी सामने निकलकर सामने आई है, जो पिछले 4 साल से भारतीय बल्लेबाजों ‘बीमारी’ बनी हुई है. इसी कारण ऑस्ट्रेलिया में टीम को संघर्ष करना पड़ रहा है और सीरीज जीतना मुश्किल हो गया है.

इस बीमारी के शिकार भारतीय बल्लेबाज

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अब 3 मुकाबले बचे हुए हैं. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जाने के लिए भारत को सभी मैच में जीतने जरूरी हैं. लेकिन टीम के बल्लेबाजों की हालत देखकर नहीं लगता है कि ऐसा हो पाएगा. दरअसल, पिछले 4 सालों में यानि 2020 से टीम इंडिया एकमात्र ऐसी टीम है, जिसमें 1000+ रन बनाने के बावजूद 35 से कम औसत वाले सबसे ज्यादा बल्लेबाज हैं. इस लिस्ट में विराट कोहली, केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा का नाम शामिल है.

कोहली ने 32.15, राहुल ने 33 और पुजारा ने 29.69 की औसत से बल्लेबाजी की है. पुजारा फिलहाल टीम का हिस्सा नहीं हैं. टीम के दूसरे बल्लेबाजों की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले साल 4 सालों में टेस्ट क्रिकेट में 37.66 की औसत से बल्लेबाजी की है. वहीं बात करें शुभमन गिल तो उन्होंने दिसंबर 2020 में डेब्यू किया था. तब से अब तक वह 30 मुकाबले खेल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने 36.45 की औसत से बैटिंग की. पिछले 4 सालों में ऋषभ पंत का भी बहुत उम्दा प्रदर्शन नहीं रहा है. उन्होंने 2022 को छोड़ दें तो उन्होंने भी 40 से कम की औसत से बैटिंग की है.

हालिया प्रदर्शन और भी बुरा

भारतीय टीम में मौजूद फिलहाल 5 सबसे अनुभवी बल्लेबाजों से 4 का हालिया प्रदर्शन और भी बुरा रहा है. रोहित ने इस साल टेस्ट की 23 पारियों में बैटिंग की और महज 27.2 के औसत से 598 रन बनाए. वह सिर्फ 2 शतक और 2 अर्धशतक लगा सके. वहीं दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली, जिन पर टीम को सबसे ज्यादा भरोसा होता है, उन्होंने इस साल टेस्ट की 16 पारियों में 26.6 की औसत से 373 रन बनाए. इसके अलावा केएल राहुल ने 2024 में 12 टेस्ट पारियों में 34.6 की औसत से 381 रन और ऋषभ पंत ने इस साल 39.2 की औसत से 509 रन बनाए हैं.

50 ओवर भी नहीं खेल पा रही टीम

टीम के प्रमुख बल्लेबाजों का औसत से साफ हो जाता है कि क्यों लगातार भारत टेस्ट में संघर्ष कर रहा है. जिनके कंधों पर रन बनाने की जिम्मेदारी है, वहीं रन नहीं बनाएंगे तो जीत कैसे मिलेगी. बांग्लादेश टेस्ट सीरीज के दौरान भी अश्विन और जडेजा ने नीचे से रन जोड़े थे. वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 बार 50 से कम ओवरों में पूरी टीम ढेर हो गई. ऑस्ट्रेलिया में भी 4 में से दो पारियों में भारतीय बल्लेबाज 50 ओवर तक नहीं खेल पाए. अगर बल्लेबाजों की ये ‘बीमारी’ जारी रही तो ऑस्ट्रेलिया में तीसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतना ख्वाब ही रह जाएगा.