भारत जल्द ही सेमीकंडक्टर चिप का हब बनने वाला है, इसके लिए सरकार ने सेमीकॉन इंडिया प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इसके जरिए विदेशी निवेशक भारत में सरकारी सहूलियतों के साथ सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन शुरू कर सकते हैं.

हाल ही में देश में बीते साल के मुकाबले सेमीकंडक्टर चिप की डिमांउ 18.5 फीसदी बढ़ी है. अगर सरकार की योजना सफल हुई तो वो दिन दूर नहीं जब भारत सेमीकंडक्टर चिप आयात करने की जगह निर्यात करना शुरू कर देगा.

18.43 अरब सेमीकंडक्टर चिप की आयात

सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि देश में सेमीकंडक्टर आयात 2023-24 में 18.5 प्रतिशत बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये का रहा. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 18.43 अरब सेमीकंडक्टर चिप का आयात किया.

वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) पोर्टल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2022-23 में देश में 1.297 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के 14.64 अरब चिप का आयात किया गया. आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में देश ने 1.071 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 17.89 अरब चिपसेट का आयात किया.

भारत सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर और विदेशी निवेश को आकर्षित कर आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सेमीकॉन इंडिया जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं.

इन कंपनी ने दिखाई दिलचस्पी

सेमीकंडक्टर के भविष्य को देखते हुए और माइक्रोन द्वारा 2.7 बिलियन डॉलर के असेंबलिंग, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग यूनिट लगाने की शुरुआत को देखते हुए. अब टाटा समूह, मुरुगप्पा समूह और केनेस सेमीकॉन जैसी घरेलू दिग्गज कंपनियों ने सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के क्षेत्र में रुचि दिखाना शुरू कर दिया है.

यहां यूज होती है सेमीकंडक्टर चिप

सेमीकंडक्टर चिप का यूज स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी, हाईटेक फीचर्स वाली कार, इलेक्ट्रिक टॉय सहित कई दूसरे प्रोडक्ट में होता है. दरअसल सेमीकंडक्टर चिप इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का एक तरीके से नर्वस सिस्टम होता है.