भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज श्रम शक्ति भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन पर त्रिपक्षीय बैठक की। बैठक में इस योजना के लिए जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त करने, गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से योजना को पूरा करने और इसके क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जलसंचय संकल्प को जन आंदोलन बनाने के क्रम में ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है, जिसमें गुजरात में रह रहे मध्यप्रदेश, राजस्थान और बिहार के प्रवासी व्यवसायी अपनी जन्मभूमि में जलसंचय के उद्देश्य से बोर की व्यवस्था कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के तहत राजस्थान में 1,60,000 और मध्यप्रदेश में 15,000 बोर बनवाए जाने है। बिहार राज्य के 10 जिलों में प्रत्येक गांव में 4 बोर बनवाए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने राज्यों के सहयोग से इस योजना के सफल क्रियान्वयन की आशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ योजना वर्षाजल को संग्रहित कर भूगर्भ में जल भंडारण क्षमता के विकास के लिए चलाई जा रही एक अभिनव पहल है। गुजरात के अप्रवासी व्यापारियों द्वारा स्वयं के संसाधनों के माध्यम से अपने जन्मभूमि राज्यों में बोर लगवाने का काम प्रदेश के सतना जिले से आरम्भ हो गया है। पूरे प्रदेश में 15,000 बोर लगने का लक्ष्य है। शासकीय संसाधनों के बिना व्यापारियों की भागीदारी से चल रहा बूंद-बूंद जल बचाने का यह अभियान प्रशंसनीय है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सूरत के व्यापारियों द्वारा शुरू की गई यह योजना राजस्थान के सिरोही और जोधपुर जिलों में प्रारंभ हो चुकी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राजस्थान राज्य में वाटर रिचार्ज में सहयोग के लिए यह योजना वरदान साबित होगी।