लुधियाना : मिल्लर गंज इलाके में स्थित प्राइवेट बैंक के बाहर पार्क की गई कारोबारी की कार से लाखों रुपए की नकदी व लैपटॉप चुराने के मामले में पुलिस ने 4 लोगों को काबू किया है। पुलिस ने आरोपियों से चुराई गई 14 लाख 20 हजार रुपए की नकदी व वारदत के दौरान प्रयोग की गई एक्टिवा बरामद कर ली। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कारोबारी यशिक सिंगला के बयान पर मामला दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपियों की पहचान मोती नगर के रहने वाले अकुंश कुमार,  मोती नगर के लविश शर्मा, सैक्टर 32 चंडीगढ़ रोड़ के आकाश जेतली व 33 फुट्टा रोड़ के रहने वाले वरूण वशिष्ट के रूप में की है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपियों की पृष्ठ भूमि को लेकर भी जांच की जा रही है, ताकि अन्य वारदातों को लेकर भी पता लगाया जा सके।

एडीसीपी देव सिंह ने बताया कि पुलिस ने वारदात स्थल  के आस पास लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की । इसके अलावा पुलिस ने यशिक व उसके साथ कैश जमा करवाने आए उसके दोस्त अकुंश के मोबाइल की डिटेल को भी खंगाला। शुरू से ही याशिक के साथी अकुंश पर पुलिस के शक की सूई घूम रही थी और जांच के दौरान भी उसके खिलाफ कुछ सबूत मिले जिस पर पुलिस ने गहनता की जांच के बाद आरोपियों को काबू कर लिया। शुरूआती जांच में पता चला है कि चारो आरोपी प्राइवेट फर्म में नौकरी करते है, जिनकी याशिक के साथ कामकाज के संबंध में काफी जान पहचान है, जिनको पता था कि यशिक आए दिन लाखों रुपए की नगदी लेकर बैंक में जमा करवाने के लिए जाता है।

आरोपी अकुंश ने की थी प्लानिंग, कार की बनवाई थी डुप्लीकेट चाबी

जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि यशिक के साथी अकुंश ने ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए प्लानिंग की थी । अकुंश अक्सर याशिक के साथ ही आता जाता था। उसको पता था कि याशिक ने लाखों रुपए की नगदी जमा करवाने के लिए बैंक जाना है, जिसके चलते वह बहाने से याशिक की कार ले गया और उसकी डुप्लीकेट चाबी बनवा ली। प्लानिंग के अनुसार उसने अपने करीबी लविश शर्मा के साथ बात की और अन्य दो आरोपियों आकाश जेतली व वरुण वशिष्ट को इस में शामिल होने के लिए 50-50 हजार रुपए की राशि देने का बात तय की गई। प्लानिंग के अनुसार ही याशिक उसको अपने साथ बैंक लेकर गया तो वह एक बैंक में काम निपटाने के बाद वापस आ गए। प्लानिंग के अनुसार अकुंश ने डुप्पलीकेट चाबी अन्य आरोपियो को दे दी थी और वह यशिक को बहाने से सिगरेट पिलाने के लिए ले गया ताकि उसके साथी नकदी चुरा सके। जैसे ही वह सिगरेट पीने के लिए गए, तो अन्य साथियों ने वारदात को अंजाम दे दिया। वारदात के बाद भी आरोपी अकुंश कारोबारी यशिक के साथ ही घूमता रहा ताकि उसे शक न हो सके और पुलिस को चकमा दिया जा सके। लेकिन जांच के दौरान ही जब अकुंश ने अपने बयान बार बार बदलने शुरू कर दिए तो पुलिस के शक की सूई उस पर ही टिक गई। जब उसके मोबाइल डिटले को खंगाला गया तो आरोपी बार बार अपने तीन साथियों से मोबाइल पर बात कर रहा था। एडीसीपी देव सिंह ने बताया कि मामले को लेकर आगे भी जांच की जा रही है।