हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. माना जाता है कि सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का होता है. इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की अराधना करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. यदि संभव हो तो इस दिन किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल या दूध अर्पित अवश्य करें. महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा भी फलदायक और शुभ मानी जाती है. लेकिन सोमवार के व्रत में कुछ गलतियों से बचना भी आवश्यक होता है.
सोमवार व्रत के नियम
- सोमवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने. इसके बाद व्रत संकल्प लें.
- इसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करें. ध्यान रहे कि जिस लोटे में आप जल रखते हैं उसमे थोड़ा गंगा जल भी डाल लें.
- जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर दूध, दही, शहद चढ़ाएं. इसके साथ भगवान शिव को चमेली का फूल भी अर्पित करें. मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है.
पूजा के बाद शिवलिंग के पास दीप प्रज्वलित करें और उसी से माता पार्वती और भोलेनाथ की आरती करें.
-
- आरती के बाद मंदिर की परिक्रमा जरूर करें, लेकिन ध्यान रखें कि परिक्रमा कभी भी पूरी न करें.
- जहां से शिवलिंग का दूध बहता है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं.
- इस दिन व्रती को तीन पहर में से एक पहर का ही भोजन करना चाहिए.
भोलेनाथ की पूजा के नियम
- पूजा करने से पहले हाथ पैर धोकर शुद्ध हो जाएं और गंदे या काले रंग के कपड़े न पहनें. मन को शुद्ध रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें.
- शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें, जलाधारी तक जाकर वापस आ जाएं. जलाधारी को लांघना अशुभ माना जाता है.
- शिवलिंग पर तुलसी, सिंदूर, हल्दी, लाल फूल आदि न चढ़ाएं और तांबे के बर्तन में दूध रखकर शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है.
- व्रत के दौरान मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें और बाहर का भोजन या अशुद्ध भोजन न करें.
- झूठ बोलने से बचें और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें. इसके अलावा चोरी या किसी भी प्रकार का अपराध न करें.
- किसी भी दूसरे व्यक्ति को दुख या तकलीफ न पहुंचाएं और दिन में सोने से बचें. इसके अलावा व्रत में कामवासना से दूर रहें और अहंकार को त्याग दें.
भूलकर भी न करें ये गलतियां
भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ गलतियां आपके लिए अशुभ साबित हो सकती हैं. पूजा के दौरान शिवलिंग पर मालती, चंपा, चमेली, केतकी आदि जैसे फूल भूलकर भी न चढ़ाएं. भोलेनीथ की पूजा में शंख या करताल का प्रयोग भी नहीं करना चहिए. शिवलिंग पर शमीपत्र और बेलपत्र उलटा करके चढ़ाना चाहिए और साथ ही पीछे के मोटी डंठल भी तोड़ देना चाहिए. परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि परिक्रम आधी करें और जहां से शिवलिंग का जल बहता वहां से वापस लौट जाएं.