आपने बंदूक, रिवॉल्वर या अन्य हथियारों के लाइसेंस के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या कभी आपने चाकू रखने पर लाइसेंस बनवाने की बता सुनी है? ऐसा होता रहा है और उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक शख्स के पास चाकू रखने का लाइसेंस है. उन्हें यह लाइसेंस अपनी आत्मरक्षा के लिए चाकू रखने के लिए मिला था. यह व्यक्ति शहर के इकलौते शख्स हैं जिनके पास चाकू का लाइसेंस है. यह लाइसेंस 42 साल पहले लिया गया था लेकिन अब इसके रिन्यू कराने में दिक्कत आ रही हैं.

कानपुर के रावतपुर निवासी राकेश यादव के पास 42 साल पहले खरीदा गया करौली चाकू और उसका लाइसेंस मौजूद है. वह शहर के इकलौते शख्स हैं, जिनके पास चाकू का लाइसेंस है. राकेश यादव अपने पास करौली चाकू और उसका लाइसेंस किसी धरोहर की तरह रखे हुए हैं. उन्होंने यह लाइसेंस अपनी आत्मरक्षा के लिए 2 सितंबर 1982 को बनवाया था.

इसलिए बनवाया था चाकू का लाइसेंस

राकेश यादव कलेक्ट्रेट में वाहन चालक के पद पर कार्यरत थे और 2020 में रिटायर्ड हुए. उन्होंने बताया कि 1982 में मजिस्ट्रेट के ऑफिस के पास ही सीजेएम का ऑफिस था. तब मूसानगर के एक बदमाश ने गवाह को गोली मार दी थी, जिसको उन्होंने दबोच लिया था. इस घटना पर मजिस्ट्रेट ने उनसे चाकू के लिए आवेदन कराया और सितंबर 1982 में उनका चाकू का लाइसेंस बन गया था. वह बताते हैं कि तब से उनको अपने चाकू पर भरोसा है और वो हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण कराते हैं.

2020 से नहीं हो रहा रिन्यू

राकेश यादव ने बताया कि 2020 के बाद से उनके चाकू के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है. इस बात से वह काफी परेशान हैं. वह चाहते है कि उनका लाइसेंस रिन्यू किया जाए. इस मामले में एडीएम सिटी राजेश कुमार का कहना है कि इस जमाने में किसी के पास चाकू का लाइसेंस होना ताज्जुब की बात है. चाकू के लाइसेंस का नवीनीकरण हो सकता है या नहीं यह देखना पड़ेगा. अगर शासनादेश में नवीनीकरण का प्रावधान होगा तो रिन्यू होगा, अन्यथा लाइसेंस सरेंडर करना होगा.