अमृतसर : घने कोहरे के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त होने लगा है। सुबह तथा शाम को घने कोहरे के चलते रोजाना कई दुर्घटनाएं हो रही है। अमृतसर में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण बच्चे तथा बुजुर्ग खांसी जुकाम बुखार तथा वायरस की गिरफ्त में आ रहे हैं। सरकारी तथा प्राइवेट अस्पताल में लगातार मरीज की संख्या बढ़ रही है। घने कोहरे तथा प्रदूषण के कारण पैदा हुए हालातो के मद्देनजर सांस लेना भी दुश्वार हुआ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढ़ रही ठंड के मद्देनजर बच्चों बुजुर्गों तथा आम व्यक्तियों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है।

जानकारी के अनुसार दीपावली के करीब एकदम से ही ठंड ने जोर पकड़ा। इसी दौरान दीपावली तथा कई खेतों में धान की कटाई के बाद नाद की फसल को नष्ट करने के लिए लगाई गई आग के कारण हुए प्रदूषण एयर क्वालिटी काफी बुरी हो गई है। दिन प्रतिदिन वातावरण प्रदूषित हो रहा है। सांस लेने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे तथा बुजुर्ग मास्क लगाने के लिए मजबूर हो गए हैं। हालत यह है कि उक्त वर्ग ही ज्यादा परेशान हो रहा है। स्कूलों में एकदम से ही बच्चों के अंदर खांसी, जुकाम, बुखार इत्यादि के लक्षण जहां सामने आने लगे हैं। वही बुजुर्गों में सांस लेने की भारी दिक्कत आ रही है। जिले के सरकारी टी.बी. अस्पताल में अचानक से ही सांस ग्रस्त रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। बच्चे वह बुजुर्ग बड़ी तादद में डॉक्टर के पास आ रहे हैं। वहीं अमृतसर में अगर जल्द बरसात न हई तो घना कोहरे तथा प्रदूषण के कारण लोगों को और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

कैसे बनता है घना कोहरा
इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के टी.बी. कंट्रोल के नोडल अधिकारी डॉक्टर नरेश चावला ने बताया कि कोहरा हवा में मौजूद बहुत छोटे-छोटे जल बिंदुओं के समूह से मिलकर बनता है, ये मूलतः गैस होती है जो कंडेंसेशन की प्रक्रिया यानी भाप के पानी बनने की प्रक्रिया से गुजरती है। पानी के ये छोटे कण हवा में तैरते रहते हैं। आंखों के सामने हल्की सफेद चादर जैसी दिखाई देती है, जिससे आसपास की चीजें साफ नजर नहीं आती हैं। शहरों में ये स्थिति और खराब होती है, जहां धूल और धुएं के कण मिलकर पानी के इन कणों को और सांद्र यानी गाढ़ा बना देते हैं, जिससे बहुत करीब की चीजें भी धुंधली लगती हैं, इन दोनों मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
सरकारी टी.बी. अस्पताल के मुखी डॉक्टर नवीन पांधी ने बताया कि घने कोहरे तथा प्रदूषण के चलते एकदम से ही मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोगों को बच्चों तथा बुजुर्गों का खास ध्यान रखना चाहिए तथा गर्म कपड़े अधिक से अधिक पहनना चहिए। छाती को गर्म रखने चाहिए तथा घी वाली चीज खाने के बाद पानी पीने से गुरहेज करना चाहिए। खांसी जुकाम बुखार वायरल होने पर डॉक्टर से एडवाइस लेनी चाहिए। इसके साथ विश्वास विभाग वाला जारी की गई। एडवाइजरी की पालना करनी चहिए।

घने कोहरे के दौरान घर से निकलने से बचें
सरकारी टी.बी. अस्पताल के सीनियर डॉक्टर संदीप महाजन ने बताया कि खांसी, गले और छाती में संक्रमण आदि बीमारियां बढ़ रही हैं। जिन लोगों को अस्थमा है उनके लिए यह काफी खतरनाक है। ऐसे लोगों को घने कोहरे के दौरान घर से निकलने से बचना चाहिए। यह अस्थमा, साइनस और एलर्जी वालों मरीजों के लिए उत्प्रेरक का काम करती है। ये कण फैफड़े में चले जाते हैं। इसके लिए प्रदूषण भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं।

सरकारी ओ.पी.डी. में बढ़ने लगी मरीजों की संख्या
सरकारी टी.बी. अस्पताल के सीनियर डॉ. विशाल वर्मा ने बताया कि सांस लेने में दिक्कत होने पर कई तरह की परेशानियां होती हैं। बुखार होने का खतरा भी बना रहता है। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, सांस के मरीजों के लिए ये कण ज्यादा नुकसानदेह हैं। इस तरह के मौसम में नए वायरस फैल जाते हैं, जो लोगों को कई तरह की बीमारियां देते हैं। ओ.पी.डी. में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।

अचानक मौसम में आए बदलाव से बढ़ रही बीमारियां
स्वास्थ्य विभाग के जिला टी.बी. अधिकारी डॉ. विजय गोतवाल ने बताया कि घने कोहरे से पहले स्मॉग से सांस रोग के इलावा मरीजों में आंखों की नमी प्रभावित हुई है। इससे आंखों में चिकनाहट कम होने लगती है और सूखापन आने लगता है। वहीं जब आंखों में स्मॉग के जरिए कार्बन के कण, पार्टिकल्स व कीटाणु आदि जाते हैं तो आंखों से सुरक्षा के तौर कुछ एंजाइम्स निकलते हैं परंतु एकदम से घने कोहरे के कारण पैदा हुए हालातों के कारण बच्चों तथा बुजुर्गों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए इसके साथ ही बड़ों को भी अपना ध्यान रखना चाहिए। अचानक से मौसम में अब आए बदलाव के चलते ठंड बढ़ने से बीमारियां भी बढ़ गई है।

घने कोहरे तथा प्रदूषण से हो सकती हैं ये समस्याएं, बरतें सावधानियां
इंडियन मैडिकल संगठन के मैंबर डॉक्टर रजनीश शर्मा ने बताया कि श्वास संबंधी परेशानियां, फेफड़ों में संक्रमण, घबराहट, सिरदर्द, तनाव, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, त्वचा संबंधी बीमारियां इत्यादि हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में बढ़ाने वाले घने कोहरे पर अपनी गतिविधियां सामान्य रखें, यानि दौड़ना या साइकिल चलाना, टहलना आदि कम करें जिससे सांस की समस्याओं से राहत मिलेगी। घरों की खिड़कियां-दरवाजें बंद रखें, सांस के मरीज अपनी दवाएं समय से लें, कोई परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, हरी सब्जियों व पौष्टिक आहार का सेवन करें, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से आप प्रदूषण से लड़ पाएंगे। धूम्रपान को न करे।