टाटा ग्रुप ने एक बार फिर से चीन को मिर्ची लगा दी है. जिसका प्रमुख कारण आईफोन पर ताइवानी कंपनी के साथ एक बड़ी डील को लॉक करना है. दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया है कि भारत की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवानी कांट्रैक्ट मेकर पेगाट्रॉन के भारत में एकमात्र आईफोन प्लांट में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जता दी है. जिससे एक नया ज्वाइंट वेंचर बनेगा जो एपल सप्लायर के रूप में टाटा की स्थिति को मजबूत करेगा.

पिछले हफ्ते हुई आपसी डील के तहत टाटा के पास 60 फीसदी हिस्सेदारी होगी और ज्वाइंट वेंचर के तहत रोज का ऑपरेशन करेगा, जबकि पेगाट्रॉन बाकी हिस्सेदारी रखेगा और तकनीकी मदद करेगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने सौदे के फाइनेंशियल स्टेटस के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. वहीं दूसरी ओर टाटा की ओर से भी कोई कॉमेंट करने से इनकार कर दिया. वहीं एपल और पेगाट्रॉन की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

चीन से अलग सप्लाई चेन पर विचार

रॉयटर्स ने सबसे पहले अप्रैल में रिपोर्ट दी थी कि पेगाट्रॉन को एपल का समर्थन प्राप्त है और वह भारत में अपने एकमात्र आईफोन प्लांट को टाटा को बेचने के लिए एडवांस बातचीत कर रहा है, जो ताइवानी फर्म की एपल पार्टनर के नवीनतम पैमाने को दर्शाता है. बीजिंग और वाशिंगटन के बीच जियो पॉलिटिकल टेंशन के बीच एप्पल चीन से अलग अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने पर विचार कर रहा है. भारत में टाटा के लिए, चेन्नई पेगाट्रॉन प्लांट उसकी iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लांस को बढ़ावा देगा. टाटा भारत में सबसे बड़े समूहों में से एक है और तेजी से iPhone निर्माण में विस्तार कर रहा है, जो भारत में संचालित एकमात्र अन्य iPhone अनुबंध निर्माता, फॉक्सकॉन को टक्कर दे रहा है.

लेनी होगी सीसीआई की मंजूरी

पहले सूत्र ने कहा, डील फाइनल की घोषणा शुक्रवार को आईफोन प्लांट में आंतरिक रूप से की गई थी. दूसरे सूत्र ने कहा कि दोनों कंपनियां आने वाले दिनों में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी के लिए आवेदन करने की योजना बना रही हैं. टाटा पहले से ही दक्षिणी राज्य कर्नाटक में एक iPhone असेंबली प्लांट संचालित करता है, जिसे उसने पिछले साल ताइवान के विस्ट्रॉन से लिया था. यह तमिलनाडु के होसुर में भी एक और निर्माण कर रहा है, जहां इसका एक आईफोन कंपोनेंट प्लांट भी है जो सितंबर में आग लगने की घटना में शामिल था.

विश्लेषकों का अनुमान है कि भारत इस साल कुल iPhone शिपमेंट में 20-25 फीसदी का योगदान देगा, जो पिछले साल 12-14 फीसदी था. टाटा-पेगाट्रॉन प्लांट, जिसमें लगभग 10,000 कर्मचारी हैं और सालाना 5 मिलियन आईफोन बनाते हैं, भारत में टाटा की तीसरी आईफोन फैक्ट्री होगी.