क्या आप जानते हैं कि Instagram और Facebook जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों की जान बचा रहे हैं? इनकी पैरेंट कंपनी Meta एक बेहद खास टेक्नोलॉजी के तहत काम करती है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बेस्ड है. इसकी मदद से मेटा, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ऐसे लोगों को ढूंढ लेती है जो खुदकुशी करने की सोच रहे होते हैं.

कैसे होती है लोगों की पहचान?

यह टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए काम करती है. यह इंस्टाग्राम या फेसबुक पर लोगों के लिखे हुए शब्दों को पढ़ती है और समझती है. अगर किसी ने ऐसा कुछ लिखा है जिससे लगता है कि वह खुदकुशी करना चाहता है, तो ये तकनीक तुरंत इसकी पहचान कर लेती है.

इसके अलावा ये वीडियो या लाइव भी देखती है. अगर किसी वीडियो में कोई ऐसा काम कर रहा है जिससे लगता है कि वह खुद को नुकसान पहुंचाना चाहता है, तो भी ये टेक्नोलॉजी अलर्ट कर देती है.

सुसाइड का खतरा मिलने पर क्या होता है?

मेटा की सुसाइड प्रिवेंशन टेक्नोलॉजी किसी ऐसे मैसेज या पोस्ट को पहचान लेती है, तो यह तुरंत एक खास टीम को जानकारी देती है. यह टीम इन मैसेज को बहुत ध्यान से देखती है और तय करती है कि क्या इस व्यक्ति को किसी मदद की जरूरत है. अगर लगता है कि व्यक्ति को तुरंत मदद की जरूरत है, तो यह टीम पुलिस या इमरजेंसी सर्विस को अलर्ट करती है.

क्यों जरूरी है ये टेक्नोलॉजी?

कई बार लोग अपनी परेशानियों को किसी से शेयर नहीं करते हैं और अकेले ही सब कुछ झेलने की कोशिश करते हैं. ऐसे में ये तकनीक बहुत काम आती है. यह समय रहते पुलिस के पास उस व्यक्ति की डिटेल्स देती है, जो सुसाइड करने की कोशिश करता है. इस तरह लोगों की जान बच जाती है.

अगर आपको लगता है कि आपका कोई दोस्त या जानने वाला खुदकुशी करने की सोच रहा है, तो आप तुरंत उसकी मदद कर सकते हैं. इंस्टाग्राम और फेसबुक के मामले में आप उस पोस्ट या वीडियो को भी रिपोर्ट कर सकते हैं जो आपको चिंताजनक लगता है.