संगरूर : पंजाब में कुआं/बोर खोदने को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट संगरूर अमित बांबी ने आदेश दिया है कि जिला संगरूर की सीमा में जमीन मालिक को कुआं/बोर खोदने से पहले विभिन्न शर्तों से पाबंध होना पड़ेगा। इनमें कुआं/बोर लगाने से 15 दिन पहले संबंधित भूमि मालिक, जिला मजिस्ट्रेट, संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट, बीडीपीओ, सरपंच ग्राम पंचायत, ईओ, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग से कोई एक अधिकारी जिसके साथ संबंधित हो को लिखित रूप से सूचित करेंगे। आदेश में कहा गया है कि कुएं/बोर खोदने वाली सभी एजेंसियां ​​जैसे सरकारी/अर्ध सरकारी/निजी आदि को अपना पंजीकरण डीडीपीओ, संगरूर के पास करवाना होगा।

उन्होंने कहा कि कुआं/बोर स्थल के पास बोरिंग लगाने वाले मालिक को साइन बोर्ड पर कुआं/बोरहोल लगाने वाली एजेंसी का पता और अपना पता लिखना होगा। उन्होंने कहा कि कुआं/बोर के चारों ओर कंटीले तार या कोई उपयुक्त बैरिकेड लगाया जाएगा। कुआं/बोर के निर्माण के बाद उसके तल पर जमीन से 0.50×0.50×0.60(0.30) मीटर ऊपर और जमीन से 0.30 मीटर नीचे सीमेंट और कंक्रीट का एक निश्चित प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि व्यक्ति कुएं/बोर के ढक्कन को स्टील प्लेट से वेल्डिंग करके या केसिंग पाइप में नट-बोल्ट से लगाएगा। उन्होंने कहा कि पंप मुरम्मत की स्थिति में कुआं/बोर को खुला नहीं छोड़ा जाएगा। कुएं/बोर का काम पूरा होने के बाद गड्ढे की मिट्टी से उचित भराई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बेकार पड़े कुएं/बोर नीचे से ऊपर तक मिट्टी, रेत, बजरी, पत्थर, कंक्रीट आदि से ठीक से भरे हुए हों। कुओं/बोर की खुदाई पूरी होने पर भूमि की स्थिति को कुआं/बोर खोदने से पहले की स्थिति में बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीडीपीओ संगरूर सभी जिलों के बीडीपीओ/सरपंचों/सभी संबंधित विभागों से बोर/कुओं की जानकारी एकत्र करेगा और इसे अपने कार्यालय में तैयार रखेगा। यदि किसी व्यक्ति को इस संबंध में कोई शिकायत है तो वह डीडीपीओ संगरूर/संबंधित बीडीपीओ/पंचायत सचिव को शिकायत कर सकता है। आदेश में कहा गया है कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे कुएं/ट्यूबवेल लगाने के लिए गड्ढे खोदते समय और पुराने बोरवेलों को न ढकने के कारण लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, जिससे जनता को जान-माल की हानि होती है।