जालंधर : मकसूदां सब्जी मंडी में बुकी जतिश अरोड़ा उर्फ गोरी के दफ्तर में हुई रेड के मामले में सी.आई.ए. स्टाफ ने जतिश अरोड़ा गौरी और उसके चार कारिंदों की गिरफ्तारी दिखा दी है। जतिश अरोड़ा उर्फ गौरी अरोड़ा उर्फ गोरी अपने दफ्तर में क्लाइंट्स की ब्लैकमनी डब्बा ट्रेडिंग नाम के तथा कथित सॉफ्टवेयर के माध्यम से शेयरों की खरीद-फरौख्त में इंवैस्ट करवाता था, जिसका लेन-देन कैश में होता था और टैक्स भी चोरी किया जाता था।

सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज सुरिंदर कुमार कंबोज ने बताया कि पांचों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी दिखा दी है। गिरफ्तार हुए लोगों में खुद जतिश अरोड़ा उर्फ गोरी निवासी बी.एस.एफ. कालोनी, उसके कारिंदे दर्पण, अनिल, करण समेत एक अन्य है। पांचों को पुलिस ने 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है।

इंस्पैक्टर सुरिंदर कंबोज ने बताया कि यह लोग अपने क्लाइंट्स से शेयर खरीदने के लिए कैश लेते थे। सारा लेन-देन एक रजिस्टर में नोट किया जाता था। अगर तो क्लाइंट द्वारा खरीदे शेयरों के दाम गिरते थे तो उन्हें शेयर मार्कीट में आई गिरावट का बोल कर बैठा दिया जाता था, लेकिन जब शेयर अप होते थे तो वह लेन-देन में दिक्कत करते थे और क्लाइंट्स के फोन तक उठाने बंद कर देते थे।

वहीं जतिश अरोड़ा गोरी अपने तीन पार्टनर के साथ मिल कर यह काम करता है जबकि वही पार्टनर क्रिकेट मैचों की बुक में भी उसके हिस्सेदार हैं। पुलिस का कहना है कि जतिश अरोड़ा किन-किन लोगों के साथ मिल कर काम कर रहा था, उसकी सारी पूछताछ की जाएगी। जिन-जिन लोगों के साथ उसका लिंक निकला उनके खिलाफ बनती कारवाई जाएगी।

दरअसल डब्बा ट्रेडिंग एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसमें शेयर खरीदने के लिए कैश से भुगतान किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के कारण इंकम टैक्स, एस.टी.टी. और सी.टी.टी. नाम के टैक्सों की भी चोरी की जाती है। डब्बा ट्रेडिंग का ऑपरेटर अपने क्लाइंट से शेयरों के आर्डर लेकर ट्रेड को अपने रिकार्ड में रखता है और क्लाइंट्स से कैश लिया जाता है। लेन-देन जोखिम भरा होने के कारण सेबी ने भी इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक करने में कड़ी मशक्कत की थी।