मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर रेंज क्षेत्र में 3 दिन पहले नन्हा हाथी शावक बीमार हालत में मिला था. जिसको तत्काल रेस्क्यू कर पार्क प्रबंधन ताला हाथी कैम्प ले आए थे, जहां हाथी के बच्चे को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था, लेकिन आज सुबह उसकी मौत हो गई. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कुछ ही समय यहां 11 हाथियों की मौत हो गई है.

इस मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर रेंज के तहत खारी बड़ी टोला बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 179 पटपरहा हार से 1 नग जंगली हाथी का बच्चा झुंड से बिछड़ कर लावारिस अचेत बीमार अवस्था मे मिला था. जिसका उपचार करवाया गया और हाथी के बच्चे को रामा हाथी कैंप में रखा गया था, लेकिन शनिवार सुबह 6 बजकर 06 मिनट पर उसकी मौत हो गई. उसका पोस्टमार्टम अधिकारियों की उपस्थिति में नियमानुसार करवाया जा रहा है.

कब्रगाह बना रहा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों का कब्रगाह बना हुआ है. हर जगह और सभी लैब की रिपोर्ट में हाथियों की मौत का कारण कोदो की फसल खाने को बताया जा रहा है, लेकिन क्षेत्रीय लोग इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं. क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि कोदो की फसल को उनके मवेशी भी खा रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में लोग हाथियों की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.

4 महीने के हाथी की हुई मौत

लोगों का कहना है कि जब तक जांच नहीं होगी तब मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाएगी. मरने वाले हाथी की उम्र 4 महीने बताई जा रही है. वहीं बताया जा रहा है कि हाथी को दूध न मिलने की वजह से काफी बीमार हो गया था.