कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर को निशाना बनाया. इस दौरान मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं से मारपीट की और खालिस्तानी झंडे दिखाए. इस घटना लोगों में काफी नाराजगी है. दोनों देशों के बीच रिश्तों और भी खटास ला दी. इस बीच हिन्दू सिख ग्लोबल फोरम के सदस्यों ने दिल्ली में कनाडा एंबेसी के सामने कनाडा सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. बड़ी तादाद में फोरम के सदस्य इकट्ठा हुए और कनाडा एंबेसी की तरफ बढ़ने लगे.

प्रदर्शन को देखते हुए भारी तादाद में पुलिस के जवान तैनात रहे. फोरम के सदस्यों को रोकने के लिए पुलिस ने दो लेयर की बैरिकेडिंग लगाई थी. गुस्साए सदस्यों ने पहले बैरिकेडिंग तोड़ दिया और दूसरे बैरिकेडिंग की तरफ आगे बढ़ने लगे, हालांकि तब तक दिल्ली पुलिस ने उनको कनाडा एंबेसी तक जाने के लिए रोक दिया .

बैरिकेडिंग पर चढ़े प्रदर्शनकारी

इस दौरान हिन्दू सिख ग्लोबल फोरम के सदस्य हाथों में तख्ती लिए नजर आए. सभी लोगों ने कनाडा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोग बैरिकेडिंग तोड़कर उसके ऊपर चढ़ गए. प्रदर्शन का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता हा कि किस तरह से बैरिकेडिंग जमीन पर गिरी पड़ी हुई हैं. प्रदर्शन में सरदार इकबाल सिंह लालपुरा, मुख्य संरक्षक, हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के अध्यक्ष सरदार तरविंदर सिंह मारवाहमेत कई लोग शामिल हुए.

‘मंदिरों को निशाना बनाना दुर्भाग्यपूर्ण’

इस दौरान शहीद भगत सिंह सेवा दल के अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि मंदिरों पर हमला करना बेहद गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दौरान एक पूरी पीढ़ी नष्ट हो गई थी. वो या तो मारे गए या वो दूसरे देशों में चले गए. फिर उन्होंने हमारी युवा पीढ़ी के जीवन को बर्बाद करने के लिए ड्रग्स की शुरुआत की. जब उन्होंने देखा कि पंजाब फल-फूल रहा है, उन्होंने धर्मांतरण शुरू कर दिया और अब मंदिरों पर हमला करने की यह नई बात शुरू हो गई है.

‘सच्चा सिख कभी खालिस्तानी नहीं हो सकता’

उन्होंने आगे कहा कि हम यहां यह बताने के लिए हैं कि एक सच्चा सिख कभी खालिस्तानी नहीं हो सकता यदि वो एक अलग राष्ट्र चाहते हैं, तो उन्हें इसे अपने तक ही सीमित रखना चाहिए. हम चाहते हैं कि हमारे तिरंगे और हमारे देश का हर समय सम्मान किया जाए. इसके बाद हिन्दू सिख ग्लोबल फोरम ने ज्ञापन देकर अपना प्रदर्शन खत्म किया.