मध्यप्रदेश के रीवा से भाजपा के सांसद जनार्दन मिश्रा अपने अटपटे बयान के कारण एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आजकल शादियां भी ऑनलाइन होने लगी हैं. मैं तो सोचता हूं कि 50-60 साल बाद ऑनलाइन बच्चे पैदा होंगे. उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन पैदा होने वाला बच्चाकैसा होगा? क्या वो स्टील का होगा या फिर मांस और हड्डियों का?’ उन्होंने तकनीक पर लोगों की ज्यादा निर्भरता होने के कारण उसके दूसरे पहलुओं को समझाने की कोशिश करते हुए ऐसा सवाल पूछा. उन्होंने इस बार पर जोर देते हुए कहा कि बेशक हम तकनीक से जुड़े रहें लेकिन, मानवता के पहलुओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है.
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने मानवता, सौहार्द और व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन और दूसरी डिवाइस पर लोगों की निर्भरता काफी बढ़ गई है. आजकल कपल्स एकसाथ एक बेड पर होते हुए भी डिवाइज के जरिए एक दूसरे से बात करते हैं. जनार्दन मिश्रा ने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने किसी का बेडरूम नहीं देखा है. उन्होंने इंजीनियरिंग के छात्रों से इसका समाधान खोजने को कहा. ताकि, लोगों के जीवन में टेक्नोलॉजी के इतने ज्यादा इस्तेमाल को कम किया जा सके. उन्होंने कहा कि तकनीक लोगों के जीवन में खुद को तेजी से स्थापित कर रही है.
रोमांटिक बातचीत से ही खुश हो जाते हैं कपल्स
सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि आज कल के कपल्स फोन पर रोमांटिक बात करके ही खुश हो जाते हैं. शादियां भी ऑनलाइन होने लगी है. ऐसे में क्या बच्चे भी ऑनलाइन ही पैदा होंगे? मोबाइल फोन पर लोगों की निर्भरता के दूसरे पहलू को उन्होंने उजागर करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सामाजिक मूल्यों की रक्षा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है. इसे देश के युवाओं को संभालनी होगी. कॉलेज के छात्र और शोधकर्ता होने के कारण डिवाइस पर ज्यादा निर्भरता आपके सामने एक बड़ी चुनौती है. इस बड़ी समस्या से आप कैसे निकलेंगे? साथ ही इससे बाहर निकलने के लिए एक बेहतर रास्ता कैसे खोजेंगे?