ग्वालियर। बीते दिनों सुर्खियों में रहे आटो चालक के साथ मारपीट और पेशाब पिलाए जाने के मामले में शुक्रवार को न्यायालय में पीड़ित के बयान दर्ज हुए। इसके साथ ही आरोपित पुलिस अधिकारियों का अपना पक्ष रखने के अधिकार को भी समाप्त कर दिया गया। पीड़ित दीपक शिवहरे ने जिला न्यायालय में पेश होकर कोर्ट को स्पष्ट रूप से बताया कि तत्कालीन पड़ाव थाना प्रभारी इला टंडन और संजय यादव ने उसे बुरी तरह से मारापीटा था।

इसके बाद पुलिस कर्मी संजय यादव उसे लेकर क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी अजय पंवार के पास पहुंचा और वहां अजय पवार ने उसे उल्टा टांग कर चक्की के पट्टे से पीटा, जबरन पेशाब पिलाई और प्लास से उसकी खाल भी खींची। इस मारपीट में उसका पैर भी फ्रैक्चर हो गया। कोर्ट ने पीड़ित के बयान सुनने के बाद मामले को अगली सुनवाई पर 27 नवंबर को तय कर दिया है।

बता दें कि बीती 17 जून को पड़ाव स्थित स्टेशन बजरिया में बस स्टैंड तिराहे पर भिंड के सराफा कारोबारी अमन बंसल की कार से 15 लाख रुपये के गहने चोरी हुए थे। इसमें एक ई-रिक्शा ड्राइवर संदेही था। इसका नाम दीपक है। उसे पुलिस ने सड़क हादसे के बहाने थाने बुलाया। इसके बाद थाने के अंदर पहले पड़ाव पुलिस ने मारपीट की। फिर क्राइम ब्रांच की टीम को सौंप दिया।

पुलिस ने पहले तो दीपक को धमकाकर मामले को दबाने का प्रयास किया। जब मामला बाहर आ गया तो अब दीपक ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत और पुलिस के खिलाफ परिवाद लगाकर एफआइआर दर्ज करने की मांग करने का निर्णय लिया। अब इस मामले में तत्कालीन पड़ाव थाना टीआइ इला टंडन, पुलिसकर्मी संजय यादव, क्राइम ब्रांच टीआइ अजय पंवार सहित ग्वालियर एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ परिवाद दायर किया है।

नवविवाहिता ने फांसी लगाकर दी जान

बेहट थाना क्षेत्र के अंतर्गत राहुली गांव में रनहने वाली वर्षा पत्नी अजय सविता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की वजह गृह क्लेश बताई जा रही है। पिछले साल मार्च माह में ही शादी हुई थी। रात में वह कमरे में गई और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो स्वजन ने खटखटाया। इसके बाद दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो फांसी के फंदे पर लटकी मिली।