हिंदू धर्म में सुहागिन महिलओं से जुड़े कई व्रतों के बारे में वर्णन मिलता है. इन व्रतों का अपना-अपना महत्व है. ऐसा ही एक व्रत है मंगला गौरी माता का जिसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. इसे बहुत शुभ फलदायक माना जाता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति के लिए करती हैं. सावन के महीने में हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है. जिस प्रकार सावन सोमवार का महत्व माना जाता है, ठीक उसी तरह सावन के मंगलवार का भी विशेष महत्व माना गया है.

धार्मिक मान्यता अनुसार सावन सोमवार में भगवान शिव के लिए भक्त व्रत रखते हैं. वहीं अगले दिन यानी मंगलवार के दिन माता पार्वती के लिए मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड की कामना और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं. इस साल से मंगला गौरी व्रत की शुरुआत कब से हो रही है और विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत क्यों माना जाता है इतना खास, आइए जानें.

मंगला गौरी व्रत 2024 कब से शुरू है? (Mangla Gauri Vrat 2024 Date)

पंचांग के अनुसार, सावन महीने में हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. सावन का शुरुआत इस साल 22 जुलाई, सोमवार से हो रही है. ऐसे में पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई, दिन मंगलवार को पड़ेगा.

इस बार सावन में कुल 4 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे। जहां एक ओर पहला व्रत 23 जुलाई को होगा तो वहीं, अन्य तीन व्रत 30 जुलाई, 6 अगस्त और 13 अगस्त को रखे जाएंगे। इन मंगलवारों पर मां गौरी की विधिवत पूजा होगी।

मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat Ka Mahatva)

शास्त्रों के अनुसार, सावन में भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और सावन में पड़ने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखकर मां गौरी की पूजा करपने से सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है. मंगला गौरी व्रत रखने वाली महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. इसके साथ ही संतान प्राप्ति में आ रही मुश्किलें दूर हो जाती हैं और संतान की रक्षा भी होती है. संतान की नजर या नकारात्मक शक्ति से बचाव होता है.

इसके अलावा, कुंवारी कन्याएं मंगला गौरी व्रत अच्छा वर पाने के लिए करती हैं. इस व्रत को रखने पर परिवार में खुशहाली का माहौल बना रहता है और सुख-समृद्धि का वास होता है. ऐसा माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत करने से मां मंगला गौरी की भक्तों पर विशेष कृपादृष्टि पड़ती है.