लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा चार दिनों का होता है और इसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. कल यानी 7 नवंबर को छठ पूजा तीसरा दिन है. छठ पूजा में लोग पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ शामिल होते हैं. छठ पर्व में डूबते और उगते दोनों सूर्य की पूजा की जाती है, जो इस पर्व को बेहद खास बनाता है. इस पर्व में छठी मैया की भी उपासना करने का विधान है. छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य होता है, जिसमें व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

छठ पूजा में संध्या अर्घ्य की पूजा शाम के समय घाट या नदी पर की जाती है. इस दिन व्रती व्रत रखकर शाम के समय सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं. साथ ही पूजा के लिए बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना और अन्य सामग्री रखी जाती है. छठ पर्ल के दौरान संध्या अर्घ्य देते समय कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण करना बेहद शुभ माना जाता है. सूर्यदेव तो अर्घ्य देते समयइन मंत्रों का जाप करने से छठी मैया की कृपा से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.

छठ पूजा संध्या अर्घ्य देने का समय

पंचांग के अनुसार, 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं, इसके अगले दिन यानी 8 नवंबर को उषा अर्घ्य होगा. 7 नवंबर को अर्घ्य के लिए सूर्य का उदय सुबह 6:32 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 5:28 बजे होगा. सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए. अगर किसी को मंत्र नहीं आता तो सूर्य देव के कुछ नाम बोलने से भी अर्घ्य पूर्ण माना जाता है. छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य देते समय नीचे बताए मंत्रो का जाप करें.

  • ओम घृणि: सूर्याय नमः
  • ओम आदित्य भास्कराय नमः
  • ओम सूर्याय नमः
  • ओम जपा कुसुम संकाशं: काश्यपेयं महाद्युतिम्, ध्वंतारी सर्व पाप बहना. प्रणतोऽस्मि दिवकरम. सहित इम मे लोग अज्थेउइ

सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र क्या है?

सूर्यदेव को लाल चंदन और लाल रंग के फूल अर्पित करना चाहिए. फिर थाली में दीपक और लोटा रखें. लोटे में जल, एक चुटकी लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालें. इसके बाद ॐ सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य देना चाहिए. सूर्यदेव को जल अर्घ्य देते समय तांबे के लौटे का इस्तेमाल करें. जल अर्पित करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए.

शक्तिशाली सूर्य मंत्र कौन सा है?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्यदेव का हर मंत्र शक्तिशाली माना गया है. लेकिन ॐ भास्कराय नमः को अधिक शक्तिशाली सूर्य मंत्र माना जाता है. कहा जाता है कि इस मंत्र के नियमित जाप से सूर्य देव की विशेष कृपा बनी रहती है.