बदलती लाइफस्टाइल और खराब डाइट न सिर्फ सेहत पर असर डालती है बल्कि स्किन पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. ज्यादातर लोग पिग्नमेंटेशन के कारण खूब परेशान रहते हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद काली झाइयां खत्म नहीं होती हैं. इसके लिए महिलाएं महंगे-महंगे मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं.

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निरुपमा परवंदा कहती हैं किपिग्मेंटेशन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको सिर्फ स्किन को ऊपर से ढकना काफी नहीं है. स्किन को अंदर से भी पोषण मिलना चाहिए. एक बार पिग्मेंटेशन हो जाने पर इससे पीछा छुड़ाना आसान नहीं है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि किन उपायों को फॉलो करके काली झाइयों के असर को कम किया जा सकता है.

एक्सफोलिएशन पील

एक्सपर्ट की मानें तो पिग्मेंटेशन का असर कम करने के लिए एक्सफोलिएशन पील्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें ग्लाइकोलिक एसिड, येलो पील, ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड पील और कॉसमेलन शामिल हैं. ये पील्स डेड स्किन सेल्स को हटाने का काम करते हैं.

डिपिगमेंटिंग क्रीम

स्किन में मौजूद पिग्मेंटशन को कम करने के लिए कोजिक एसिड, अल्फा आर्बुटिन, ट्रैनेक्सैमिक एसिड और विटामिन सी जैसे डिपिग्मेंटिंग क्रीम पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं. ये क्रीम मेलेनिन उत्पादन को बढ़ने से रोकती है. इससे पिग्मेंटेशन कम होती है.

सनस्क्रीन लगाएं

स्किन एक्सपर्ट के मुताबिक, किसी भी तरह की पिग्मेंटेशन को रोकने के लिए सनस्क्रीन को अप्लाई करें. कम से कम 30 एसपीएफ वाली ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनें. इसे रोजाना दो बार अप्लाई करें. ये सूर्य की यूवी किरणों से स्किन को बचाती है.

लेजर एंड डिवाइस ट्रीटमेंट

क्यू-स्विच्ड लेजर, फोटोफेशियल, माइक्रोलेंस ऐरे, माइक्रोनीडलिंग और प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा जैसे स्किन ट्रीटमेंट भी पिग्मेंटेशन के लिए फायदेमंद मिल सकता है. ये ट्रीटमेंट मेलेनिन को कम करके काली झाइयां को कम करते हैं. इससे कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है.

हालांकि, इन सब चीजों के अलावा सही डाइट को फॉलो करना भी जरूरी है. इसके अलावा, रोजाना कम से कम दो बार गुलाब जल से अपने चेहरे को जरूर साफ करें. इससे भी पिग्मेंटेशन कम होता है.