महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, नामांकन वापस लेने के बाद इसकी फाइनल तस्वीर साफ हो गई है. राज्य की करीब 102 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस के खाते में एक ऐसी भी सीट है, जहां पार्टी पंजा निशान के बदले प्रेशर कुकर सिंबल पर चुनाव लड़ेगी. यह सीट है कोल्हापुर नॉर्थ की. कांग्रेस की परंपरागत माने जाने वाली कोल्हापुर नॉर्थ सीट पर यह खेल कैसे हुआ, आइए इसे विस्तार से समझते हैं.

कांग्रेस उम्मीदवार ने पर्चा वापस लिया

कोल्हापुर नॉर्थ सीट पर 2019 में कांग्रेस के सिंबल पर जयश्री जाधव ने जीत हासिल की थी. इस बार पार्टी ने जयश्री की जगह छत्रपति साहू महाराज के वंशज मधुरिमा राजे को टिकट दिया था. इससे नाराज जयश्री ने शिंदे की शिवसेना का दामन थाम लिया.

इधर, टिकट मिलने के बाद शुरुआत में मधुरिमा यहां जोर-शोर से कैंपेन किया, लेकिन आखिर वक्त में मधुरिमा ने नामांकन का पर्चा ही वापस ले लिया.

नामांकन वापस लेने की एक बड़ी वजह उन्होंने कांग्रेस के बागियों को मैनेज नहीं कर पाना बताया है. मधुरिमा के नामांकन वापस लेने से कोल्हापुर में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई. क्योंकि, पार्टी के पास आखिरी वक्त में कोई ऑप्शन ही नहीं बचा था.

जिसने दिलाई टिकट, वो भी रो पड़े

कोल्हापुर नॉर्थ सीट से मधुरिमा राजे को टिकट दिलाने में महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य सतेज पाटील ने बड़ी भूमिका निभाई थी. मधुरिमा ने जब टिकट वापस किया, तो उन्होंने इसकी पहली सूचना सतेज पाटील को ही दी थी.

कोल्हापुर में सोमवार को लोगों के बीच पाटील रोने लगे. पाटील का कहना था कि मुझे आखिरी वक्त में उन्होंने यह जानकारी दी. इधर, मुंबई से लेकर दिल्ली तक यह मंथन चल रहा है कि आखिर मधुरिमा के बदले किसे उम्मीदवार बनाया जाए.

कांग्रेस पार्टी का गढ़ है कोल्हापुर

कोल्हापुर को कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है. 2019 के विधानसभा चुनाव में कोल्हापुर लोकसभा की 6 में से 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कोल्हापुर की 6 में से 5 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी. यहां की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस का मुकाबला शिंदे की शिवसेना से है.

कोल्हापुर नॉर्थ सीट 2009 में आस्तित्व में आया. उस वक्त शिवसेना को यहां से जीत मिली थी. 2014 में भी शिवसेना ने ही यहां से जीत हासिल की. 2019 में कांग्रेस के चंद्रकांत जाधव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन 2022 में उनका निधन हो गया. कांग्रेस ने बाद में उनकी जगह उनकी पत्नी को मैदान में उतारा.

लाटकर को उम्मीदवार बनाने की रणनीति

मधुरिमा राजे के मैदान से हट जाने के बाद यहां कांग्रेस निर्दलीय उम्मीदवार राजेश लाटकर को उम्मीदवार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है. लाटकर को चुनाव आयोग से प्रेशर कुकर का चुनाव चिह्न मिला है. लाटकर 2022 में कांग्रेस में आए थे, लेकिन इस बार टिकट न मिलने से उन्होंने निर्दलीय ही पर्चा दाखिल कर दिया.

अब बदली हुई परिस्थिति में कांग्रेस की स्थानीय इकाई राजेश को ही समर्थन देने के पक्ष में है. इसके लिए मुंबई और दिल्ली प्रस्ताव भी भेजा गया है.

राजेश लाटकर को राजनीति पिता से विरासत में मिली है. उनके पिता भरत लाटकर सेवादल के बड़े नेता थे. हालांकि, राजेश कुछ सालों के लिए शरद पवार की पार्टी में भी शामिल हो गए थे. हालांकि, राजेश के नाम की आधिकारिक घोषणा अभी तक कांग्रेस की तरफ से नहीं की गई है.

कहा जा रहा है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही राजेश के नाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी घोषणा कर देगी. कोल्हापुर में राजेश का मुकाबला शिंदे की शिवसेना के राजेश क्षीरसागर से है.

उद्धव और शरद के साथ गठबंधन में कांग्रेस

कांग्रेस इस बार महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन में है. इन दो पार्टियों के अलावा कांग्रेस गठबंधन में शेतकारी और सीपीएम भी शामिल है.

महाराष्ट्र की 288 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान प्रस्तावित है. यहां पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस गठबंधन का बीजेपी गठबंधन से है. बीजेपी गठबंधन में इस बार एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी के साथ 4 अन्य पार्टियां हैं.

सीटों के लिहाज से तीसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है.