अमृतसर : पंजाब के दुकानदारों के लिए खास खबर है। दरअसल, डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि खाद, कीटनाशक रसायन या बीज खरीदते समय दुकानदार से बिल अवश्य लें। यदि कोई डीलर बिल देने से मना करता है तो उसकी लिखित शिकायत ब्लॉक कृषि अधिकारी या मुख्य कृषि अधिकारी से करें तो ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चैकिंग के दौरान यदि कोई दुकानदार बिना बिल के खाद, दवा या बीज बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिले में डी.ए.पी. खाद्य की कम आवक को देखते हुए मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील की कि गेहूं की बुआई के लिए अन्य फॉस्फेटिक खाद का उपयोग कर फसल की बुआई समय पर करें। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में डी.ए.पी. के अलावा ट्रिपल सुपर फास्फेट 46 प्रतिशत खाद्य की सप्लाई गेहूं की बुआई के लिए करवाई जा रही है। विभाग द्वारा लगातार खाद्य सप्लायर कंपनियों के साथ तालमेल कर जिले में फासफोरस खाद की कमी की पूर्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डी.ए.पी. से 18 प्रतिशत नाइट्रोजन व 46 प्रतिशत फास्फोरस तत्व की प्राप्ति होती है, इसके बदल के तौर पर बाजार में सीधे फॉस्फेटिक खाद व एन.पी.के. काम्पलैक्स खाद मुहैया है, जिनमें मुख्य तौर पर ट्रिपल सुपर फास्फेट खाद है, जिसमें 46 प्रतिशत फास्फोरस तत्व है। अगर ट्रिपल सुपर फास्फेट 46 प्रतिशत खाद्य का प्रयोग करना हो तो इसके साथ 20 किलोग्राम यूरिया खाद प्रति एकड़ बुआई के समय इस्तेमाल की जा सकती है, जिसके साथ डी.ए.पी. खाद के बराबर मात्रा में नाइट्रोजन व फास्फोरस तत्व की पूर्ति की जा सकती है या बुआई समय प्रति एकड़ 20 किलो यूरिया खाद व 155 किलो सिंगल सुपर फास्फेट 16 प्रतिशत खाद का प्रयोग गेहूं की फसल में नाइट्रोजन व फास्फोरस तत्व की पूर्ति के लिए की जा सकती है। उन्होंने बताया कि एन.पी.के. खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तत्व होते हैं, जैसे एन.पी.के. 16-16-16, एन.पी.के. 15-15-15, एन.पी.के. 12-32-16, 10-26-26 और यूरिया अमोनियम फॉस्फेट 24-24-0, अमोनियम फॉस्फेट सल्फेट 20-20-0-13 का भी उपयोग किया जा सकता है।