लुधियाना : खाने पीने की वस्तुओं की जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली काफी संदिग्ध रही है। त्यौहारों के दिनों में एक 2 बड़ी कार्रवाइयां कर और छोटी-मोटे सैंपलिंग से स्वास्थ्य विभाग के 4 फूड सेफ्टी अफसरों पर आधारित टीम ने लोगों के जन सेहत के मुद्दे को नजरअंदाज कर व्यापक सैंपलिंग करने की बजाय खाना पूर्ति करने का काम किया। इसके विपरीत स्वास्थ्य विभाग के फूड विंग की कार्यशैली देखी जाए तो दीपावली के दिनों में दूसरे प्रदेशों से दूध से बने उत्पाद भारी मात्रा में आते रहे एक दो मामलों में स्वास्थ्य विभाग में धर पकड़ की परंतु अधिकतर मामलों में अपनी आंखें बंद रखी। फूड विंग की टीम ने बस स्टैंड के पास एक बस में से खोए की भारी खेप बरामद की परंतु बाद में जांच की रिपोर्ट से पहले ही कह दिया कि खोये का स्टॉक ठीक है।
साधनों की कमी का बनाते हैं बहाना
जिले में फूड सैंपलिंग में कमी का कारण कार्यालय में साधनों की कमी बताई जाती है, जिसमें फूड बैंक की टीम के पास एक ही वाहन उपलब्ध कराया गया है और एक समय में एक फूड सेफ्टी अफसर उसका इस्तेमाल कर सकता है जबकि शेष 3 कार्यालय में बैठे रहते हैं जबकि एक साथ सभी मिलकर भी सैंपलिंग कर सकते हैं। लोगों का कहना है कि जब इंटर डिस्ट्रिक्ट की टीमें त्यौहारों के दिनों में व्यापक सैंपलिंग करती है तो 4 फुट सेफ्टी अफसर ऐसे कार्य को अंजाम क्यों नहीं दे सकते।
स्वास्थ्य अधिकारियों के नाम पर एजैंटों ने मचाया कहर
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार पिछले कई वर्षों से एक बिना डिग्री का कथित डॉक्टर बाजार में काफी सक्रिय दिखाई दिया और कार्यालय में भी इसका आना-जाना अक्सर देखा जा सकता है यह व्यक्ति लोगों के लाइसैंस बनवाने का भी काम करता है और उसके बदले में फूड बिजनेस ऑप्रेटर से भारी फिर फीस वसूल करता बताया जाता है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों को यह निर्देश है कि वह स्वयं लोगों को इस मामले में जागरूक करें और उनके फूड लाइसैंस बना कर दे।
ड्रग विभाग भी नहीं करता जांच
स्वास्थ्य विभाग का सक्रिय एजैंट होने के कारण बिना डिग्री के कथित डॉक्टर जो एजैंट के रूप में कई वर्षों से सक्रिय है ड्रग विभाग भी उनकी डिग्री की जांच करने कभी नहीं गया और इसके व्यापक संपर्कों के कारण कोई कार्रवाई करने से हिचकिचाता रहा है।