डिंडौरी गोरखपुर। रविवार को सुबह नौ बजे से लेकर चार बजे तक आरोपितों के घर सहित पूरे गांव और जंगल में ड्रोन कैमरा उड़ाकर आरोपितों की तलाश करने का प्रयास किया गया और सर्चिंग अभियान चलाया हैं।
अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा गया है
मृतक परिवार की भागा बाई मरावी के अनुसार जमीन का विवाद काफी पुराना है। लगभग 22 एकड़ की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसमें गुरुवार के विवाद में एक ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं।
नृशंस हत्याकांड की जड़ के खेत की फसल का हकदार कौन
मृतक धर्म सिंह मरावी की धर्मपत्नी भागा बाई मरावी ने जानकारी देते बताया कि इस बार सात एकड़ की खेत में उसके पति और बेटों ने बीज बोया था, लेकिन विवाद वाले दिन आरोपी पक्ष के लोगों द्वारा इनके बोएं गए धान की तैयार फसल को काटा जा रहा था।
यह विवाद उपजा और तीन लोगों की जान चली गई
फसल काटने से मना करने पर यह विवाद उपजा और तीन लोगों की जान चली गई। अब न आरोपी पक्ष फसल काट पा रहा हैं और न ही मृतक पक्ष। भागा बाई के बताएं अनुसार जितना हिस्सा आरोपी पक्ष ने काटा था उसमें से लगभग धान के पच्चीस बोझा वह ले गये हैं, जबकि शेष कटी फसल अभी भी खेत में यूं ही पड़ी है।
पकी पकाई फसल भी कटने के लिए तैयार
इससे सटकर आधे खेत की पकी पकाई फसल भी कटने के लिए तैयार है। उल्लेखनीय हैं कि यदि जल्द ही खेत की तैयार फसल को नहीं काटा गया तो निश्चित ही दाने समेत बालियां झड़ जाएगी, लेकिन इस सबके बीच अब पूरे खेत की फसल का हकदार कौन होगा।
मेरे बच्चे को लेकर बाहर मत आना
बताया कि जब गुरुवार की शाम खेत में विवाद होने लगा तो मेरे पति स्वर्गीय शिवराज मरावी घर से यह कहकर निकले कि मैं अभी विवाद के वीडियो बनाकर आता हूंं।
दरवाजे पर हाथ फैलाकर मेरा रास्ता रोक दिया
मैंने भी साथ चलने की इच्छा जताई तो उन्होंने दरवाजे पर हाथ फैलाकर मेरा रास्ता रोककर कहा कि जब तक मैं न आ जाऊं मेरे आठ माह के बच्चे को लेकर घर से बाहर मत निकलना, फिर वह जीवित नहीं लौटे। दुख में डूबी महिला रोते हुए बताया कि मुझे मालूम नहीं था कि मेरे पति अंतिम बार घर से बाहर जा रहे हैं वरना मैं भी साथ हो लेती।
पति अकेले परिवार की परवरिश करने वाले थे
बताया कि जब गुहार लगाई कि पानी पिलाओ तब मैं खेत के तरफ पानी लेकर गई तो वहां देखी कि पति जमीन पर लहूलुहान पड़े रहे। पति अकेले परिवार की परवरिश करने वाले थे। हमारे परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा। हमारे ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूटा है। ऐसी परिस्थितियों में आगे का जीवनयापन कैसे होगा समझ ही नहीं आ रहा है। फिलहाल उस दिशा में सोचने समझने की क्षमता नहीं हैं।
शाम में होते ही छा जाता हैं सन्नाटा
ग्रामीणों के अनुसार इस हत्याकांड ने सबके दिल दहला दिया है लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि ऐसा कैसे हो गया। घटना के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल हैं। लोग शाम होते ही गांव की गलियों में सन्नाटा छा जाता हैं और लोग घरों में दुबक जाते हैं।