ग्वालियर : उतरप्रदेश के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे में 121 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में जान गंवाने वालों में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाली एक महिला भी शामिल है। 45 वर्षीय रामश्री भी हाथरस में भोले बाबा का सत्संग सुनने अपने अन्य 9 साथियों के साथ गई थी। बेटे ने जैसे ही टीवी के जरिए हादसे की जानकारी लगी तो वह परेशान हो गया। मां की तलाश में वह भी हाथरस पहुंच गया। लेकिन वहां मां नहीं मिली। इसके बाद वह अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां उन्हें उनकी मां का शव रखा मिला। बुधवार को यूपी पुलिस महिला का शव लेकर ग्वालियर के जगजीवन नगर पहुंची। मुरार मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
रामश्री के बेटे पंकज जाटव के अनुसार, उनकी मां अक्सर सत्संग में जाया करती थी। 7-8 महीने पहले ग्वालियर के मेला ग्राउंड और तिघरा इलाके में भी साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग आयोजित हुआ था, वहां भी मां पड़ोस की महिलाओं के साथ गई थी। इस बार भी हाथरस में हुए सत्संग के लिए भी मां पड़ोस की 9 महिलाओं के साथ गई थी। इसी बीच सोशल मीडिया और टीवी के जरिए हाथरस हादसे की जानकारी लगी। इसी बीच सूचना मिली थी कि उनकी मां लापता हो गई है। मां की तलाश में पंकज हाथरस पहुंचे लेकिन रामश्री का कहीं कोई पता नहीं चला। जिसके बाद पंकज अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां उन्हें उनकी मां का शव रखा मिला। इसके बाद मां का शव घर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया।
रामश्री के पति की पहले ही मौत हो चुकी है। वह अपने पीछे 3 बेटे और 2 बेटियों को छोड़ गई हैं। रामश्री की मौत के बाद घर की जिम्मेदारी बड़े बेटे पंकज याटव पर आ गई है। पंकज ने हाथरस में हुए हादसे के लिए आयोजक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रामश्री के साथ जाने वाली वैजयंती बाई ने बताया, 10 लोग ग्वालियर से हाथरस सत्संग में शामिल होने गए थे, जिनमें से राम श्री की मौत हो गई जबकि 9 लोग सुरक्षित है। वैजयंती ने बताया कि हादसे के वक्त वह जल सेवा कर रही थी, इसलिए उसे कुछ पता नहीं लगा। जल सेवा करने के बाद अपनी गाड़ी पर पहुंची, तब घटना के बारे में उन्हें जानकारी मिली।