उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने इस हादसे को लेकर मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. सूरजपाल अभी कहां है इसका पता नहीं लग पाया है. पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. अभी भी पुलिस के हाथ खाली हैं. इस बीच भोले बाबा को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. Tv9 भारतवर्ष से सूरजपाल की बड़ी बहन ने बातचीत की. उसके बारे में कई बातें बताईं.
भोले बाबा की बड़ी बहन सोनकली ने सबसे पहले अपने भाई का बचाव करते हुए कहा- हाथरस में लोग अपनी ही गलती से मरे हैं. इसमें मेरे भाई का क्या कसूर है. क्यों लोगों ने भगदड़ मचाई? उन्हें ऐसा करने के लिए मेरे भाई ने तो नहीं कहा था. ये तो खुद उन्हीं की गलती है. इसके बाद सोनकली ने अपने भाई पर लगे ढोंग के आरोप पर भी बयान दिया. कहा- लोग मेरे भाई को ढोंगी कह रहे हैं. वो सब गलत है. मेरे पिता और दादा के पास भी थी लोगों को ठीक करने की शक्तियां. वहीं से सूरजपाल को ये शक्तियां मिली हैं.
सोनकली ने कहा- रंजीत सिंह के आरोप बिल्कुल गलत हैं. वो खानदानी रंजिश के चलते ऐसा कह रहे हैं. हमारे और उनके खानदान में प्रधानी के चुनाव को लेकर सालों पहले रंजिश हुई थी. बस उसी का बदला रंजीत ले रहे हैं.
रंजीत सिंह, जो बाबा के आश्रम में काम करते रहे हैं, उन्होंने एक टीवी सूरजपाल को लेकर कई खुलासे किए थे. रंजीत ने बताया, “मेरे पापा इनके आश्रम में 15 साल रहे हैं. भोले बाबा का जहां गांव है हम वहीं से हैं. मेरा बचपन उसी गांव में गुजरा है. बाबा के पिताजी नन्हें बाबू थे, जो किसान थे. पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद बाबा ने सत्संग का ढोंग रचाकर पहले अपने एजेंट तैयार किए. एजेंट इकट्ठा करने के बाद बाबा ने उनको पैसा दिया.”
आगे बताया, “इसके बाद यहां लोग आने शुरू हुए. ये एजेंटों को पैसे देकर ये कहलवाता था कि उनको बाबा की उंगली पर चक्र दिख रहा है. जैसे बाबा बोलते थे उनके एजेंट वैसे ही बोलते थे. एजेंट, बाबा के हाथ में चक्र तो कभी त्रिशूल दिखने की बात करके जनता को भ्रमित करते थे. जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे बाबा अपने एजेंटों को देश के दूसरे राज्यों में भेजकर वहां अपने सत्संग आयोजित कराने लगा. भोली भाली जनता को के सामने ये एजेंट बाबा की महिमा का ऐसा गुणगान करते थे कि जनता इन्हें भगवान की तरह देखने लगी.”
सोनकली से जब पूछा गया कि क्या हादसे के बाद आप बाबा से मिलीं या कोई बात हुई तो बोलीं- हादसे के बाद भोले बाबा कहां हैं नहीं पता. सेवादार भोले बाबा से मिलने नहीं देते.
बहन की बीमारी नहीं ठीक कर पाया बाबा
बाबा की बहन सोनकली खुद एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. उन्हें सांस की बीमारी है. हैरानी की बात ये है कि बाबा जब सभी लोगों की बीमारी ठीक करने का दावा करता है तो उसने अपनी ही बहन की बीमारी को क्यों नहीं ठीक किया?
23 साल पहले हुआ था अरेस्ट
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल को 23 साल पहले दिसंबर 2000 में मृत लड़की को पुनर्जीवित करने का दावा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. बाबा की गिरफ्तारी के बाद उसके अनुयायियों ने कथित तौर पर श्मशान घाट पर हंगामा किया था. बाद में सबूतों के अभाव में उसे अदालत ने बरी कर दिया था.