देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है. उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में एडमिट कराया गया है. डॉक्टर विनीत सूरी की यूनिट में वो एडमिट हैं. सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विनीत सूरी की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है.
भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी को एक सप्ताह पहले हालत बिगड़ने पर देर रात करीब 10.30 बजे एम्स के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था. हालत में सुधार होने पर अगले दिन उनको हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई थी.
30 मार्च को भारत रत्न से नवाजा गया था
आडवाणी को इसी साल 30 मार्च को भारत रत्न से नवाजा गया था. साल 2015 में उनको देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान यानी कि पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. भारत रत्न से सम्मानित होने के ऐलान पर आडवाणी ने कहा था, ‘मैं सम्मान के साथ भारत रत्न स्वीकार करता हूं. ये महज मेरा नहीं, उन विचारों और सिद्धांतों का सम्मान है, जिनका हमने उम्र भर पालन किया’.
बीजेपी के संस्थापक सदस्य हैं आडवाणी
राजनेता के साथ ही आडवाणी की गितनी प्रखर वक्ताओं में होती है. वो उन नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई. आडवाणी उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ काम करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया. बीजेपी के 3 बार अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके साथ ही देश के उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं.
आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को सिन्ध प्रांत (पाकिस्तान) में हुआ था. वो कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ें हैं. 1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया. इसका परिणाम तब देखने को मिला, जब 1984 में महज 2 सीटें हासिल करने वाली पार्टी को लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं. जो उस समय के लिहाज से काफी बेहतर प्रदर्शन था.