विराट कोहली की बल्लेबाजी की हालत सचमें खराब दिख रही है. उनकी बैटिंग का ग्राफ गिरा है. खासकर पिछले 3 साल के जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे सारी तस्वीर साफ होती दिखती है. विदेशी जमीन की बात क्या करें जब इस दौरान घरेलू मैदानों पर भी कोहली का खेल बुरा है. स्पिन जो भारतीय बल्लेबाजों की ताकत मानी जाती है, उसी के खिलाफ विराट की बल्लेबाजी को मानों सांप सूंघ गया है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट भी छोड़ देना चाहिए?

पुणे टेस्ट में विराट कोहली के साथ क्या हुआ?

पुणे टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली के बल्ले से सिर्फ 1 रन निकले. ये रन उन्होंने 9 गेंदों का सामना करते हुए बनाए. अब यहां दो-तीन बाते गौर करने वाली रहीं. पहली, वो जिस तरह का शॉट खेलकर आउट हुए, वैसा वो कभी खेलते नहीं. दूसरी, वो बाएं हाथ के स्पिनर का शिकार बने. और तीसरी, वो फिर से घरेलू जमीन पर स्पिन के मायाजाल में फंसते दिखे.

विराट कोहली ने करियर का सबसे खराब शॉट खेला- मांजरेकर

किसी बल्लेबाज के लिए गलत शॉट सेलेक्शन कर लेना कोई नई बात नहीं. लेकिन, विराट कोहली उस शॉट को खेलते हुए आउट हुए जो उन्होंने कभी नहीं खेला. भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर के शब्दों में कहें तो ये उनकी जिंदगी का सबसे खराब शॉट था.

टेंशन वाली बात ये खराब शॉट ही नहीं

मगर चिंता बस विराट कोहली के उस खराब शॉट की नहीं है, बल्कि उससे भी ज्यादा टेंशन देने वाली है बाएं हाथ के गेंदबाज के खिलाफ उनका आउट होना और स्पिन के खिलाफ घरेलू मैदान पर विकेट गंवाना. साल 2021 के बाद से घरेलू मैदानों पर विराट कोहली की बल्लेबाजी का ग्राफ स्पिन के खिलाफ बद से बदतर होता दिखा है.

विराट कोहली VS स्पिन ( घरेलू जमीन, 2012 से 2020 तक)

विराट कोहली की बल्लेबाजी को अगर साल 2012 से 2020 तक देखें, तो इस दौरान घरेलू मैदान पर स्पिन के खिलाफ उनका औसत 74.64 का था. उन्होंने 54 पारियों में 1866 रन बनाए थे और उन 8 सालों में केवल 25 बार स्पिनर्स के खिलाफ आउट हुए थे, जिसमें से 5 बार ही बाएं हाथ के स्पिनर्स उनका विकेट ले चुके हैं.

विराट कोहली VS स्पिन ( घरेलू जमीन, 2021 से अब तक)

लेकिन, साल 2021 के बाद हालात वैसे नहीं रहे. 2021 से अबतक घरेलू जमीन पर खेली 22 टेस्ट पारियों में विराट कोहली 19 बार स्पिन के खिलाफ अपना विकेट फेंक चुके हैं, जिसमें से 9 बार बाएं हाथ के स्पिनर्स ने उन्हें आउट किया है. वहीं इस दौरान उन्होंने 30.2 की औसत से सिर्फ 573 रन बनाए हैं.

साफ है कि बीत 3 सालों में घरेलू जमीन पर विराट कोहली की बल्लेबाजी का हाल स्पिन के खिलाफ वैसा दिखा है, जो पहले के 8 सालों में तो बिल्कुल भी नहीं था. अब ऐसे में सवाल तो उठेंगे ही.