प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने भाषण में कई महीनों से हिंसा से ग्रस्त मणिपुर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयायरत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर लोगों को आग में घी डालने का काम नहीं करना चाहिए. 18वीं लोकसभा के गठन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा को लेकर पहली बार बयान दिया.
विपक्ष की ओर से कल लोकसभा में पीएम मोदी के संबोधन के दौरान मणिपुर हिंसा पर बयान देने की मांग को लेकर लगातार हंगामा किया गया. लेकिन राज्यसभा में आज बुधवार को पीएम मोदी ने मणिपुर की स्थिति पर कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार प्रयास में जुटी हुई है. पिछले कुछ समय से मणिपुर में हिंसा की घटनाओं में लगातार कमी आ रही हैं.
मणिपुर में खुल रहे स्कूल और कॉलेजः PM मोदी
उन्होंने कहा कि मणिपुर में भी सामान्य तरीके से स्कूल और कॉलेज खुल रहे हैं. देश के अन्य राज्यों में जिस तरह से परीक्षाओं का आयोजन कराया गया, वैसे ही यहां पर भी परीक्षाएं हुईं. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार सभी से बातचीत करके शांति बहाली और सौहार्दपूर्ण रास्ता बनाने की कोशिश में लगी हुई है. राज्य के छोटे-छोटे ग्रुपों से बात की जा रही है.
केंद्र सरकार की ओर से की जा रही शांति बहाली का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि खुद गृह मंत्री मणिपुर जाकर कई दिनों तक रहे हैं. अधिकारी भी लगातार वहां का दौरा कर रहे हैं. समस्या के समाधान के लिए हमारी ओर से हर तरह की कोशिश की जा रही है. इस बीच मणिपुर भी बाढ़ से ग्रसित है. वहां पर फंसे लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है. मदद के लिए केंद्र और राज्य मिलकर कीम कर रहे हैं. आज ही एनडीआरएफ की 2 टीमें मणिपुर भेजी गई हैं.
मणिपुर में सामाजिक संघर्ष का इतिहासः PM मोदी
मणिपुर में हिंसा भड़काने वालों को तल्ख लहजे में समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें आगाह करना चाहता हूं कि वे लोग ये हरकतें बंद करें. मेरा मानना है कि एक वक्त वह भी आएगा जब मणिपुर के लोग ही उन्हें रिजेक्ट कर देंगे.”
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मणिपुर और उसके इतिहास को जानते हैं, उन्हें मालूम है कि मणिपुर में सामाजिक संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है. कांग्रेस के लोगों को यह याद रखना होगा कि इन्हीं संघर्ष की वजह से मणिपुर जैसे छोटे राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा.
पीएम मोदी ने करीब 30 साल पुरानी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि साल 1993 में भी इसी तरह हिंसा का एक लंबा दौर चला था. जो भी हालात सामान्य करने के मामले में सहयोग देना चाहें, हम सबका साथ लेने के लिए तैयार हैं.