अमृतसर : मनमाने ढंग से फीस वसूली को लेकर जिले के लगभग 480 निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग शिकंजा कसने जा रहा है, जिसमें निजी स्कूलों की ओर से लूट-खसूट बंद होगी व नए वर्ष में दाखिला फीस तय होगी। निजी स्कूलों को अब वार्षिक फीस, ट्यूशन फीस, बिल्डिंग फंड, मरम्मत फंड के बारे में अभिभावकों के साथ विभाग को भी जानकारी देनी होगी और वे इस फीस को अदा करने के लिए बाध्य नहीं होंगे।

अल्पसंख्यक जन कल्याण संगठन के अध्यक्ष सतनाम सिंह गिल ने बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव ने अनियमितताओं से घिरे मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कानून के अनुसार विभागीय कार्रवाई करने के लिए उनसे सूची मांगी है। उन्होंने बताया कि जिले के बहुसंख्यक निजी स्कूलों में से 480 स्कूलों को सूचीबद्ध कर विभागीय कार्रवाई की तैयारी चाहे कर ली गई है, परंतु कुछ स्कूल अभी ऐसे भी हैं, जो सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं, जिनकी अलग से सूची बनाकर सचिव पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मोहाली को सौंपी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 2023 में डी.पी.आई. एलीमैंटरी/सैकेंडरी, डायरैक्टर हाई सैकेंडरी स्कूल एजुकेशन, डी.जी.एस.सी. व चेयरमैन पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी गई शिकायतों पर विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट मुख्य सचिव पंजाब सरकार के हस्तक्षेप द्वारा प्राप्त करने के लिए प्रमुख सचिव को विशेष पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि जनहित में उनकी ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका के आधार पर विभाग को 12 माह में पुनः तलब किया गया है। गिल ने कहा कि वे गांवों, कस्बों और शहरों में अपनी टीमें लेकर अभिभावकों को जागरूक करेंगे कि निजी स्कूलों में अतिरिक्त फीसों का भुगतान करने से पहले स्कूलों से इसका विवरण मांगें, अन्यथा देने से इंकार करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अनावश्यक फीस वसूली को लेकर अल्पसंख्यक जन कल्याण संगठन किसानों, मजदूरों व अभिभावकों समेत स्कूलों के बाहर धरना देंगे और नए साल में दाखिले सरकार द्वारा निर्धारित फीस के अनुसार होंगे।