छतरपुर: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में सवा सौ से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने जन्मदिन के कार्यक्रम में न आने की अपील किया है। उन्होंने एक वीडियो जारी किया है जिसमें अपने अनुयायियों से घरों में रहने की अपील की है।
दरअसल, 4 जुलाई को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्मदिन है। इस सिलसिले में धाम की तरफ से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि “4 जुलाई को मेरे जीवन की आयु के एक वर्ष कम हो जाएंगे, बहुत व्यापक तरीके से अद्भुत आनंद उत्सव की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन इस वीडियो के माध्यम से हम एक निवेदन और प्रार्थना करना चाह रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि श्रृद्धापूर्वक 4 जुलाई के उत्सव के लिए दूर-दूर से आ रहे बागेश्वर धाम से जुड़े लोग हमारे प्रियजन हैं। हमारी एक प्रार्थना अगर आप मानो, तो अपार प्रशंसा होगी। खूब व्यापक व्यवस्था की थी और खूब मैदान भी किया था लेकिन 1 तारीख से ही जन समुदाय और बागेश्वर धाम के पागलों का मेला बहुत ज्यादा लग गया और भीड़ बहुत ज्यादा पहुंच गई। आप लोगों के सुरक्षा के भाव को दृष्टिगत रखते हुए, जो जहां हैं वहीं से उत्सव मनाएं। घर बैठकर हनुमान चालीसा और वृक्षारोपण करके उत्सव मनाएं। आगामी गुरु पूर्णिमा जो 21 जुलाई को है, उसमें हम योजनाबद्ध तरीके से और व्यापक मैदान रखेंगे। उस मैदान में आप सबके स्वागत का इंतजार करेंगे।”
4 जुलाई को अपने घरों में ही रहें, धाम आने की जरूरत नहीं…
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वीडियो का सार ये है कि अत्यधिक भीड़ होने की वजह से 4 जुलाई को आने वाले सभी प्रियजन अपने घर से उत्सव मनाएं। बागेश्वर धाम की व्यवस्थाएं डबल की गईं लेकिन स्थिति बदल गई। हमारा उद्देश्य है कि बुजुर्गों को परेशानी ना हो और कोई बीमार ना पड़ जाए और आप सुरक्षित रहो। हम आपका इंतजार गुरु पूर्णिमा के मौके पर करेंगे।
सब कुछ तय था, लेकिन हाथरस की घटना से बदला कार्यक्रम
बता दें बागेश्वर धाम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्म दिवस को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही थी, 4 जुलाई को बागेश्वर धाम में भजन संध्या का आयोजन भी रखा गया था। प्रोग्राम में गायक मनोज तिवारी आने वाले थे। कार्यक्रम में बहुत से लोगों के आने की उम्मीद भी लगाई जा रही थी। 2 जुलाई की को ही बागेश्वर महाराज ने तीन दिवसीय कार्यक्रम का ऐलान किया था। जिसमें 3 जुलाई को दरबार लगने, 4 जुलाई को जन्मोत्सव मनाने और 5 जुलाई को दीक्षांत समारोह और उसके बाद कथा वाचन की बात कही गई थी। इसके बाद गुरु पूर्णिमा यानी 19 जुलाई के कार्यक्रम का जिक्र किया गया था।