5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अगर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस जीतती हैं, तो वे यूएस की पहली महिला राष्ट्रपति तो होंगी ही, साथ ही तीसरी ऐसी उपराष्ट्रपति भी होंगी, जो अपना चार बरस का कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचेंगी.

अमेरिका में करीब 200 बरस बाद वे इस कारनामे के करीब हैं. उनसे पहले ये उपलब्धि थॉमस जेफरसन और मार्टिन वान बुरेन को हासिल रही है. जिन्होंने बतौर उपराष्ट्रपति अपना एक कार्यकाल पूरा किया. फिर उसके बाद अमेरिका के सबसे ताकतवर पद राष्ट्रपति की बागडोर संभाली.

थॉमस जेफरसन, मार्टिन वान बुरेन का परिचय

थॉमस जेफरसन – थॉमस जेफरसन अमेरिकी राजनीतिक इतिहास के केंद्र में रहने वाली सबसे पुरानी डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. जेफरसन अमेरिका के दूसरे उपराष्ट्रपति थे. उनका कार्यकाल 1797 से 1800 के बीच रहा.

जेफरसन के समय जॉन एडम्स राष्ट्रपति हुआ करते थे. एडम्स और जेफरसन का जब कार्यकाल पूरा हुआ और 1800 में चुनाव हुए तो जेफरसन ने प्रेसिडेंट इलेक्शन में जीत हासिल की. और फिर लगातार दो टर्म यानी करीब आठ बरस तक वह अमेरिका के राष्ट्रपति रहे.

मार्टिन वान बुरेन – जेफरसन के अलावा बतौर उपराष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूरा कर और उसके फौरन बाद हुए चुनाव में जीत दर्ज कर राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचने वाले दूसरे शख्स मार्टिन वान बुरेन थे. बुरेन…जो बाइडेन, कमला हैरिस और बराक ओबामा के परिचन के हवाले से जाने जानी वाली डेमोक्रेटिक पार्टी के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक थे.

बुरेन अमेरिका के आठवें उपराष्ट्रपति थे.1836 में जब उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, और राष्ट्रपति चुनावों में तब के राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन ने तीसरे टर्म के लिए लड़ने से मना कर दिया, तो मार्टिन वान बुरेन को चुनाव लड़ने का मौका मिला. वे चुनाव लड़े और जीत भी गए. इस तरह वह उपराष्ट्रपति का अपना कार्यकाल पूरा कर राष्ट्रपति बने.

जेफरसन और बुरेन के बाद हैरिस के पास यह सुनहरा मौका है कि वह तीसरी दफा इस हवाले से एक इतिहास रच सकती है. क्योंकि आखिरी बार ऐसा 1836 में हुआ था, यह 200 बरस के बाद अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में ये खास मौका बना है.

8 ऐसे जिन्हें परिस्थितियों ने बनाया राष्ट्रपति

ये तो बात हो गई अपना कार्यकाल पूरा कर राष्ट्रपति बनने वाले चुनिंदा नेताओं की, इनके अलावा, अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में 8 उपराष्ट्रपति ऐसे भी हुए हैं, जो चुनाव लड़े बगैर देश के राष्ट्रपति की आकस्मिक मौत के बाद प्रेसिडेंट की कुर्सी पर बैठे.

तो अमेरिका में 8 राष्ट्रपति ऐसे हुए जो अपना कार्यकाल पूरा किए बगैर दुनिया से रुखसत हो गए. चूंकि अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में उपराष्ट्रपति को ही पद संभालना होता है. ये मौका अमेरिका में आठ उपराष्ट्रपति को हासिल हुआ.

इनमें भी पहले उन 4 उपराष्ट्रपति की बात जिन्होंने किसी राष्ट्रपति की बीमारी की वजह से हुई मौत के बाद कार्यभार संभाला था.

जॉन टाइलर – व्हिग पार्टी के नेता जॉन टाइलर को तब के राष्ट्रपति विलियम हेनरी हैरिसन की गंभीर बीमारी से हुई मौत के बाद अमेरिका का राष्ट्रपति बनाया गया. यह अमेरिकी इतिहास में पहली बार हो रहा था जब किसी राष्ट्रपति की मृत्यु के बाद एक उपराष्ट्रपति ने प्रेसिडेंट का पद संभाला.

मिलार्ड फिलमोर – फिलमोर भी व्हिग पार्टी के ही नेता थे. 1850 में तब के राष्ट्रपति जैकरी टेलर की मौत के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बने. फिलमोर 1850 से 1853 तक इस पद पर रहे.

हैरी एस ट्रूमैन –1945 में राष्ट्रपति रहे फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के निधन के बाद हैरी एस ट्रूमैन ने राष्ट्रपति का पद संभाला. उसके बाद जब चुनाव हुए तो वो फिर से राष्ट्रपति चुने गए और अपना टर्म पूरा किया.

केल्विन कूलिज –1923 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति वॉरेन जी. हार्डिंग की मौत हो गई थी. उनके बाद केल्विन कूलिज राष्ट्रपति बने. बाद में जब 1924 का राष्ट्रपति चुनाव हुआ, तो वे फिर से राष्ट्रपति चुन लिए गए.

इसके अलावा, 4 मौके ऐसे रहे जब राष्ट्रपति की पद पर रहते हुए हत्या हो गई, और इसके बाद राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति को दी गई.

एंड्रयू जॉनसन –1865 में रिपब्लिकन नेता और राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की हत्या के बाद एंड्रयू जॉनसन को अमेरिका का राष्ट्रपति बनाया गया. तब जॉनसन वाइस-प्रेसिडेंट की भूमिका में थे. जैक्सन अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिन्हें महाभियोग के दौरान दोषी पाया गया था.

चेस्टर आर्थर – अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जेम्स गार्फील्ड की हत्या के बाद 1881 में तब के उपराष्ट्रपति चेस्टर आर्थर ने राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाली. वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले कोई भी सार्वजनिक पद नहीं संभाला था.

थियोडोर रूजवेल्ट –जब रिपब्लिकन नेता विलियम मैककिनले की हत्या हुई तब थियोडोर रूजवेल्ट उपराष्ट्रपति थे. रूज़वेल्ट ने राष्ट्रपति पद की बागडोर संभाली और बाद में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए.

लिंडन जॉनसन – 1963 में जब जॉन एफ. कैनेडी को गोली मार दी गई थी तब डेमोक्रेट नेता लिंडन जॉनसन ने पदभार संभाला. इस तरह जॉनसन पहली बार किस्मत से राष्ट्रपति बन गए लेकिन जब अगले साल 1964 के चुनाव हुए तो वह बतौर राष्ट्रपति उम्मीदवार खड़े हुए और जीत भी गए.

अमेरिकी राजनीति का एक और दिलचस्प तथ्य –गेराल्ड फोर्ड अमेरिकी इतिहास के एकलौते ऐसे राजनेता हैं जो बिना चुनाव जीते उपराष्ट्रपति बने और राष्ट्रपति भी. 1973 में जब तब के उपराष्ट्रपति शिप्रो एग्न्यू ने इस्तीफा दिया तो फोर्ड वाइस प्रेसिडेंट बने. उनका अप्वॉइंटमेंट राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने किया था. अगले बरस अगस्त 1974 में जब निक्सन को वॉटरगेट स्कैंडल की वजह से इस्तीफा देना पड़ा तो फोर्ड प्रेसिडेंट भी बने.