उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां मामा की मौत के बाद भांजे की भी मौत हो गई. भांजा बचपन से ही मामा के घर पर रहता था. मामा की बीमारी के चलते मौत हो गई, जिसका सदमा भांजा बर्दाश्त नहीं कर पाया. रात में उसको बेचैनी हुई. परिजन जब तक उसे अस्पताल ले जाते, उसके पहले ही भांजे ने दम तोड़ दिया. घर में दो मौतों से कोहराम मच गया.

गुलरिहा थाना क्षेत्र के काशी टोला निवासी रामकुमार की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी. भांजा उदय प्रताप भारती (36 वर्ष) उनके साथ ही बचपन से ही रह रहा था. गांव के लोग बताते हैं कि मामा से उदय का इतना लगाव था कि वह जब छोटा था, तभी से अपनी मां को छोड़कर मामा के साथ रहने लगा था. ननिहाल में उसकी पढ़ाई- लिखाई हुई और वह मामा के साथ ही उनके घर पर खेती-बाड़ी के काम में हाथ बंटाता था.

मामा के घर पर ही रह रहा था युवक

मामा की तबीयत कुछ दिन से खराब थी तो उदय उनकी देखभाल कर रहा था. इलाज भी करवा रहा था. उनके स्वस्थ होने के लिए हर जतन कर रहा था. कुछ दिन पहले उदय के बड़े भाई की मौत हो गई. ऐसे में मामा के कहने पर उदय ने अपनी भाभी से शादी कर लिया और चारों बच्चों को अपना लिया. उनको लेकर वह मामा के गांव आ गया था. मामा-भांजे के बीच प्रेम अटूट था।

अचानक शु्क्रवार शाम को मामा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और शाम चार बजे उनकी मौत हो गई. मामा की मौत से भांजा काफी सदमे में था. वह उनका दाह संस्कार अगले दिन के लिए टाल दिया. उदय का कहना था कि आज मामा का शव सबके दर्शन के लिए घर पर ही रहेगा. कल उनका दाह संस्कार होगा. घर के लोग बताते हैं कि उदय ने पूरे दिन कुछ नहीं खाया था. रात में भी शायद उसको नींद नहीं आ रही थी. कुछ बेचैनी हुई तो पत्नी से उसने बताया कि तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है. बहुत बेचैनी हो रही है. पत्नी ने पानी ला कर दिया. पानी पीने के बाद भी उसकी बेचैनी बढ़ती गई. ऐसे में घर के अन्य लोग भी जाग गए और अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे, जबकि मामा का शव भी अभी घर पर ही था.

एक ही दिन मामा-भांजे की मौत

अभी लोग उदय को अस्पताल ले जाते, उसके पहले ही उसने भी दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में यही चर्चा है कि मामा- भांजे का यह प्यार अंतिम सांस तक साथ रहा. मामा के जाने के कुछ घंटे बाद ही भांजे ने भी दम तोड़ दिया. घरवालों ने बताया कि आज मामा-भांजे का बांसस्थान स्थित चिलुआ नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस घटना से परिवार के लोग जहां व्यथित हैं वही गांव में भी इस घटना को लेकर चर्चाएं चल रही थीं.