लक्ष्य लालवानी और राघव जुयाल स्टारर ‘किल’ में रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ से भी ज्यादा हिंसा होगी. क्योंकि खून-खराबा, जोरदार लड़ाई के सीन, सस्पेंस और रोंगटे खड़े कर देने वाले एक्शन से भरपूर अप्रैल में जारी हुए टीजर में ही ये साफ हो गया था. खुद डायरेक्टर ने भी इसे भारत में बनी सबसे हिंसक फिल्म बताया था. अब निखिल भट्ट ने फिल्म के आइडिया और हिंसक होने की वजह से होने वाली फिल्म की आलोचना पर बात की है.
निखिल ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा, “1994-95 में, मैं एक स्टूडेंट के तौर पर पटना से पुणे जाने वाली बॉम्बे जनता एक्सप्रेस की स्लीपर क्लास में सफर करता था. एक रात, मैं चौंककर जाग गया क्योंकि ट्रेन एक छोटे स्टेशन पर रुकी थी. मैंने नोटिस किया कि हम इलाहाबाद में नहीं थे, जहां हमें रुकना था. तभी हल्ला मचा कि एसी कोच में लूट हो रही है! मेरे कोच में, दानापुर से आए सोल्जर्स का एक ग्रुप हंस रहा था, उन्हें विश्वास था कि वो हमारे स्लीपर कोच में किसी भी तरह की लूट को रोक देंगे. वो हादसा सालों तक मुझे याद रहा.”
“आलोचनाओं का डर नहीं है”
निखिल ने कहा कि उन्हें फिल्म को मिलने वाली आलोचनाओं का डर नहीं है. उन्होंने रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ का उदाहरण देते हुए कहा कि बॉक्स ऑफिस पर अपनी सक्सेस के बावजूद, इसमें दिखाई गई बंदूक, कुल्हाड़ी, खून-खराबे के लिए इसकी आलोचना की गई. उन्होंने कहा, “अगर एक तरफ ‘एनिमल’ की आलोचना की गई, तो इसे बड़े लेवल पर सराहना भी मिली और ये एक बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म रही.”
“मैं बहुत लालची फिल्ममेकर हूं”
उन्होंने आगे कहा, “एक फिल्ममेकर के तौर पर मैं हमेशा एक्पेरिमेंट के लिए तैयार रहता हूं. मैं बहुत लालची फिल्ममेकर हूं, इसलिए अगर कोई सही वजह से इसकी आलोचना करता है, तो मैं इससे सीख लूंगा. लेकिन ये कहने के बाद ‘किल’ एक बेहद हिंसक फिल्म है, इसलिए इसकी आलोचना की जाती है, तो ये लगभग एक हॉरर फिल्म की तरह है जिसकी लोगों को डराने के लिए आलोचना की जा रही है.”