माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter (अब X) को टक्कर देने के लिए देसी ऐप Koo को यूजर्स के लिए लाया गया था. चार साल पहला आया Koo App लोगों को ज्यादा रास नहीं आया, यही वजह है कि कंपनी पिछले चार सालों से मार्केट में बने रहने के लिए संघर्ष कर रही थी लेकिन आखिरकार अब कंपनी ने Koo ऐप को बंद करने का फैसला लिया है.
पिछले लंबे समय से कू ऐप के अधिग्रहण की बात चल रही थी लेकिन बात नहीं बनी. कू कंपनी के को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने हाल ही में लिंक्डइन पर एक पोस्ट में इस बात की जानकारी दी है कि कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ हमने बातचीत की लेकिन वो परिणाम नहीं निकला जो हम चाहते थे.
2020 में लॉन्च हुआ कू ऐप पहली भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट थी जो यूजर्स के लिए 10 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध थी. अब तक इस ऐप को 60 मिलियन यानी 6 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है.
कू ऐप की बात करें तो बंद होने से पहले कंपनी के को-फाउंडर ने ऐप के बारे में कुछ अहम जानकारी भी शेयर की है. जैसे कि कू ऐप पर हर महीने 10 मिलियन एक्टिव यूजर्स, 2.1 मिलियन डेली एक्टिव यूजर्स और हर महीने 10 मिलियन पोस्ट और 9 हजार से ज्यादा VIP अकाउंट्स थे.
Koo App: लंबे समय से हालात नहीं थे सही
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों से कू ऐप में छंटनी का सिलसिला जारी था. अप्रैल 2023 में कंपनी ने लगभग एक तिहाई कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
फंडिंग से जुटाए थे 60 मिलियन डॉलर
कू ने Accel और Tiger Global जैसे निवेशकों से 60 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग भी जुटाई थी, लेकिन इसके बावजूद कंपनी लोगों के दिलों में वो जगह नहीं बना पाई जो सालों से Twitter ने बनाई हुई थी. शायद यही वजह है कि ट्विटर को टक्कर देने आई कू कंपनी का बोरिया-बिस्तरा समेट का समय आ गया.