मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में आरोपियों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए पहले ठाणे और पुणे मॉड्यूल के शूटरों से संपर्क किया गया था. इसके लिए उन्होंने शुभम लोंकर से एक करोड़ रुपयों की मांग की थी. रकम ज्यादा होने पर शुभम ने इरादा बदल दिया था और हत्या की सुपारी उत्तर प्रदेश के शूटरों को दी गई.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल फोन से बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी का भी फोटो बरामद हुआ है. शुभम लोंकर के हैंडलर से इसे स्नैपचैट के जरिए शेयर किया गया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुभम लोंकर ने पुणे और ठाणे के शूटरों से संपर्क किया था. उन्हें बाबा सिद्दीकी की रसूख का अंदाजा था, इसलिए उन्होंने एक करोड़ रुपया की डिमांड की थी. वहीं, पुलिस विभाग ने बाबा सिद्दीकी के बॉडी गार्ड को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड किया है.

उत्तर भारत के शूटरों को किया था हायर

हत्याकांड के बाद क्या रिएक्शन होगा वह इस बात को बखूबी जानते थे. लेकिन रकम ज्यादा होने पर शुभम राजी नहीं हुआ, जिसके बाद शुभम लोंकर ने अपना इरादा बदल दिया. आरोपी ने किए खुलासे के मुताबिक, शुभम लोंकर को यह पता था कि उत्तर प्रदेश के लोगों को बाबा सिद्दीकी की महाराष्ट्र में इमेज और उनके कद के बारे में जानकारी नहीं होगी, इसलिए वे कम पैसे में भी हत्या करने के लिए राजी हो जाएंगे. इसलिए धर्मराज और शिवकुमार गुरनेल जैसे शूटर हायर किए, जो कि उत्तर भारत का मॉड्यूल था. उन्होंने शूट आउट को अंजाम दिया. लेकिन इनसे कितने रुपयों की डील हुई ये साफ नही है.

बाबा सिद्दीकी के बॉडीगार्ड को किया सस्पेंड

क्राइम ब्रांच को शक है कि शिवकुमार, जीशान और शुभम लोंकर इसमें मुख्य सरगना हैं. पकड़ा गया आरोपी राम कनोजिया भले यूपी का है, लेकिन वो नवी मुंबई के पनवेल का निवासी है. 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी की हत्या के समय उनकी सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल शाम सोनावाने को सस्पेंड कर दिया गया है. शाम सोनावाने ने अपने बयान में कहा था कि पटाखे की आवाज के चलते धुआं ज्यादा था, इसलिए वो हमलावरों को देख नही सका. उसे पुलिस विभाग ने प्राथमिक जांच के बाद सस्पेंडकर दिया है. उस पर हमले के समय लापरवाही बरतने का आरोप है. वहीं, दूसरी तरफ सवाल ये है की क्या जीशान सिद्दीकी भी शूटर्स के निशाने पर थे? शूटर्स ने जब फायरिंग की तब जीशान को एक फोन आ गया था, वो अपने पिता बाबा सिद्दीकी से पीछे रह गए और बच गए.