झारखंड की पलामू जेल से 13 दिन पहले गिरिडीह जेल शिफ्ट हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खास शूटर अमन साहू की गुंडागर्दी शुरू हो गई है. उसके गुर्गे अब जेल अधीक्षक को ही धमकी दे रहे हैं. गिरिडीह सेंट्रल जेल की अधीक्षक हिमानी प्रिया को अमन साहू गैंग के मयंक सिंह ने धमकी दी है. इसमें गिरिडीह जेल में अमन साहू को उसकी अपनी मनचाही सुविधा देने को कहा है. सुविधाएं न मिलने पर जेल अधीक्षक को गोली मारने की धमकी दी गई है.
इंटरनेशनल कॉल और मैसेज के जरिए गैंगस्टर मयंक ने कहा- पिछली बार निशाना चूक गया था. तत्कालीन जेलर प्रमोद कुमार इसमें बाल-बाल बच निकले थे. लेकिन इस बार का निशाना चूकेगा नहीं. गैंगस्टर ने जेल अधीक्षक को ये भी धमकी दी है कि उसके निशाने पर उनका पूरा परिवार भी है. इसलिए अमन साहू जेल में जो सुविधा चाहता है उसे पूरा करें.
इतना ही नहीं दो दिन पहले जेल अधीक्षक हिमानी प्रिया के मोबाइल पर भेजे गए मैसेज में मयंक ने कहा- वो अभी तुरंत अमन साहू से मुलाकात करें. अमन से पूछें कि उसे क्या-क्या सुविधाएं चाहिए. वह जो भी फरमाइश करता है उसे त्वरित पूरा करें. अन्यथा अंजाम भुगतने को तैयार रहें.
इसने पहले भी यहां के जेलर प्रमोद कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था. जिसमें वो बाल-बाल बचे थे. लेकिन इन सबके बावजूद जेल आइजी सुदर्शन मंडल ने गिरिडीह जिला प्रशासन की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर गैंगस्टर अमन साहू को मेदनीनगर से गिरिडीह सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने की अनुमति दे दी.
क्या बोलीं जेल अधीक्षक?
धमकी मिलने पर जेल अधीक्षक हिमानी प्रिया ने कहा है कि वो किसी की धमकी से डरती नहीं है. गिरिडीह जेल के सारे कैदियों को जो सुविधाएं मिलती हैं वहीअमन साहू को भी मिलेगी. उसे कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा. धमकी से जुड़े सारे ऑडियो, मैसेज सहित अन्य तथ्यों से उन्होंने गिरिडीह के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक व जेल आइजी सुदर्शन मंडल को अवगत करा दिया है. एसपी इस मामले में त्वरित संज्ञान लिया गया है. पुलिस हर पहलुओं पर जांच की जा रही है. इस पर लीगल कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा लगातार जेल का निरीक्षण भी किया जा रहा है.
जेलर को धमकी
इससे पहले अप्रैल 2022 में अमन साहू को गिरिडीह जेल लाया गया था. यहां आने के बाद 20 जुलाई 2022 को उसने तत्कालीन जेलर प्रमोद कुमार के वाहन पर गोली चलवाई थी. साथ ही तत्कालीन प्रभारी जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से दो करोड़ की रंगदारी भी मांगी थी. फिर कांड के दूसरे दिन ही उसे गिरिडीह से सिमडेगा जेल भेज दिया गया था. बाद में सिमडेगा से पलामू की मेदिनीनगर जेल भेजा गया था. वहां उसने तत्कालीन जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार को भी फोन कर जान से मारने की धमकी दी थी.