उज्जैन: सोमवार को संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हिंदुओं को लेकर टिप्पणी की, जिसको लेकर देशभर में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राहुल के इस बयान पर जहां लोकसभा में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़े होकर आपत्ति जताई। वहीं उज्जैन में नागा साधुओं ने भी अब इस बयान को लेकर विरोध व्यक्त किया है। यहां संतों से राहुल गांधी से माफ़ी मांगने की मांग कर चेतावनी दे दी।

हिंदू हिंसक वाले बयान को लेकर मंगलनाथ मंदिर रोड पर दिगम्बर अखाड़ा के संतों ने एकत्रित होकर राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी कर दी। संतों ने राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी से माफ़ी मांगने की मांग की है। संतों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी ने माफ़ी नहीं मांगी तो वे सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे।

महंत शिवदास त्यागी ने कहा कि इटली से आई मां को हिन्दुओं ने अपनाया और अब राहुल गांधी  हिन्दुओं को आहत करने का काम कर रहे हैं। इसलिए ऐसे कांग्रेसियो का बहिष्कार करें। अन्यथा 20 लाख नागा साधू सड़क पर आ गए तो कांग्रेस को भागने के लिए जगह नहीं मिलेगी, कांग्रेस इस पर माफ़ी मांगे नहीं तो संत समाज सड़कों पर प्रदर्शन करेगा।

महंत विनय दास महाराज ने कहा कि हिंसा फैलाना, महाकाल की सवारी पर पत्थर कौन फेंकता है? क्या सनातनी इस तरह के काम करते हैं ? राहुल गांधी इससे पहले भी कई बार आपत्तिजनक  बयानबाजी कर चुके हैं। इसके लिए माफ़ी मांगनी चाहिए, माफ़ी नहीं मांगी तो संत समाज प्रदर्शन करेगा।

वहीं दिगम्बर अखाड़ा के संत मुनिशरण दास त्यागी ने कहा कि राहुल गांधी ने हिंदू समाज पर टिप्पणी करके अपराध किया है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। राहुल संत समाज से माफ़ी मांगें  और आम आदमी को भी इसका विरोध करना चाहिए।

क्या कहा राहुल गांधी ने…

सोमवार 1 जुलाई को संसद सत्र के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भगवान शिव की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि शिव जी की फोटो देखिए, त्रिशूल जमीन में गड़ा है। वह अहिंसा की बात करते हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंस, नफरत, नफरत, नफरत, असत्य, असत्य, असत्य और फिर बीजेपी सांसदों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप हिंदू हो ही नहीं। राहुल गांधी के इसी बयान पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।