मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले 2 शूटर उत्तर प्रदेश के बहराइच से है. बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने इसकी पुष्टि की है. एसपी के मुताबिक एक आरोपी का नाम धर्मराज कश्यप है. दूसरे आरोपी का नाम शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा है. शिवा फरार है जबकि धर्मराज को मुंबई पुलिस ने पकड़ लिया है. दोनों आरोपी एक ही गांव गंडारा के रहने वाले हैं. दोनो आरोपी पड़ोसी है. दोनों की उम्र करीब 18-19 साल है. दोनों पुणे में कबाड़ के कारोबार से जुड़े हुए थे. बहराइच में इनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड अभी तक नहीं मिला है.

तीसरे आरोपी शिवा को खोजने में क्राइम ब्रांच की 15 टीमें लगी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक, शिवा और धर्मराज हाल ही में बाबा सिद्दीकी की किलिंग के लिए रिक्रूट हुए थे. इस तरह के नए लड़कों का इस्तेमाल अक्सर लॉरेंस गैंग के द्वारा किया जाता है. शिवा ने कुछ महीने पहले धर्मराज को भी पुणे में काम के लिए बुलाया था. सुपारी देने वाले व्यक्ति ने शिव और धर्मराज से गुरमैल की मुलाकात कराई थी. मार्च के महीने में घर्मराज और शिवकुमार मुंबई गए थे. इसके बाद उनके बारे में परिवार को कोई जानकारी नहीं है.

धर्मराज के माता-पिता को बहराइच पुलिस ने हिरासत में लिया. शिवा के पिता का कहना है कि उसके बेटे को बहकाया गया. वहीं, धर्मराज की मां ने पूछताछ में बताया कि धर्मराज दिल्ली जाने की बात कहकर गया था. पता नहीं कैसे मुंबई पहुंच गया. सूत्रों के मुताबिक शूटर अंडर वर्ड की दुनिया में नाम बनाना चाहते हैं. इसलिए यूपी के शूटरों ने बाबा सिद्दीकी पर हमला किया था. सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य से पंजाब जेल में तीनों ने मुलाकात की थी. जुर्म और जरायम की दुनिया में नाम और नाम की दहशत के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर बने.

हरियाणा के कैथल का रहने वाला है तीसरा आरोपी

वहीं, तीसरा आरोपी गुरमेल कैथल जिले के गांव नरड का रहने वाला है, जो साल 2019 में एक युवक की हत्या करने के मामले में कैथल जेल में बंद था. इसके बाद जमानत पर बाहर आने के बाद वह मुंबई चला गया, जहां लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के साथ उसके संबंध बने. बताया ये भी जा रहा है कि आरोपी कैथल जेल में ही लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के संपर्क में आया था, गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आरोपी के मां-बाप की मृत्यु हो चुकी है और लंबे समय से अपने गांव में नहीं रह रहा था. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी की थी. वे डेढ़ से दो महीने से मुंबई में थे और उन पर नजर रख रहे थे. मुंबई क्राइम ब्रांच की कई टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं.